- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- पन्ना
- /
- पन्ना-छतरपुर हाईवे मडला घाटी बनी...
Panna News: पन्ना-छतरपुर हाईवे मडला घाटी बनी मौत का जाल, जिम्मेदार बेखबर

- पन्ना-छतरपुर हाईवे मडला घाटी बनी मौत का जाल
- जर्जर सडक़ और जाम की समस्या
Panna News: बुंदेलखंड के महत्वपूर्ण व्यापारिक और पर्यटन मार्गों में से एक पन्ना-छतरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-39 अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विशेष रूप से पन्ना जिले से गुजरने वाली मडला घाटी का हिस्सा जो सीधे पन्ना को झांसी से जोड़ता है खतरनाक मोड़ और टूटी सडक़ों के कारण यात्रियों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। आए दिन होने वाले हादसों, घंटों लगने वाले जाम और जर्जर हालत के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और संबंधित विभाग इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे जनता में भारी आक्रोश है।
हादसों को निमंत्रण देती टूटी दीवारें
मडला घाटी का मार्ग अपनी सुंदरता और घुमावदार रास्तों के लिए जाना जाता है लेकिन आज यही मार्ग मौत का जाल बनता जा रहा है। घाटी के कई हिस्सों में सडक़ किनारे बनी सुरक्षा दीवारें पूरी तरह टूट चुकी हैं। इन दीवारों के टूटने से सैकड़ों फीट गहरी खाई खुल गई है। हल्की सी चूक या वाहन की खराबी किसी भी समय छोटे-बड़े वाहनों को खाई में गिरा सकती है। विशेष रूप से रात के समय या बारिश के दौरान यह खतरा और भी बढ़ जाता है जब दृश्यता कम होती है। स्थानीय वाहन चालकों और यात्रियों का कहना है कि वह हर बार इस रास्ते से गुजरते समय डर महसूस करते हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि दूरदराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी चिंता का विषय है।
जर्जर सडक़ और जाम की समस्या
सुरक्षा दीवारों की कमी के अलावा सडक़ की स्थिति भी अत्यंत दयनीय है। कई जगहों पर सडक़ किनारे से बुरी तरह कट चुकी है जिससे सडक़ की चौड़ाई कम हो गई है। बड़े-बड़े गढ्ढे और उखड़ी हुई डामर की परतें वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। इन गढ्ढों से बचने के चक्कर में अक्सर वाहन चालक अचानक ब्रेक लगाते हैं या गलत साइड में जाते हैं जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। सडक़ की जर्जर हालत के कारण वाहनों की गति भी धीमी हो जाती है। परिणामस्वरूप इस संकरे और खराब रास्ते पर आए दिन जाम लगना और घंटों तक वाहनों का फंसा रहना आम बात हो गई है। कई बार तो यह जाम कई किलोमीटर लंबा हो जाता है जिससे एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों को भी निकलने में मुश्किल होती है।
अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार इस समस्या को लेकर एनएचएआई और जिला प्रशासन से शिकायत की है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले समय में यहां और भी बड़े हादसे हो सकते हैं। यह मार्ग केवल पन्ना-छतरपुर के बीच का रास्ता नहीं है बल्कि यह बुंदेलखंड के कई प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ता है और इसका उपयोग लाखों यात्री करते हैं। इस मार्ग पर बढ़ रहे खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि एनएचएआई तुरंत इस मार्ग के मरम्मत और सुरक्षा कार्य को प्राथमिकता दे। प्रशासन को चाहिए कि वह न केवल टूटी हुई दीवारों का पुनर्निर्माण कराए बल्कि सडक़ की पूरी तरह से मरम्मत कर इसे सुरक्षित और सुगम बनाए। अन्यथा यह मार्ग अपनी बदहाली के कारण और भी कई जिंदगियों के लिए खतरा बना रहेगा।
Created On :   6 Sept 2025 4:32 PM IST