Panna News: नरकीय जीवन जीने को मजबूर पिपरिया तिवारी बस्ती के लोग, सड़क न होने से बरसात के दिनों में आवागमन हो जाता है बंद

नरकीय जीवन जीने को मजबूर पिपरिया तिवारी बस्ती के लोग, सड़क न होने से बरसात के दिनों में आवागमन हो जाता है बंद
  • नरकीय जीवन जीने को मजबूर पिपरिया तिवारी बस्ती के लोग
  • सड़क न होने से बरसात के दिनों में आवागमन हो जाता है बंद
  • मरीजों को चारपाई में कंधों के सहारे पहुंचाते हैं अस्पताल तक

Panna News: पन्ना जिले को प्रदेश में यूं ही नहीं पिछड़े जिलों में गिना जाता है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद आज भी पन्ना जिले में कई ग्राम ऐसे हैं जो सडक़, बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है। पन्ना जिले के पवई जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत हथकुरी के ग्राम पिपरिया तिवारी के 300 आबादी वाली दलित बस्ती जहां आजादी के बाद भी सडक़ मार्ग न होने से रहवासी नरकीय जीवन जीने मजबूर हैं। बारिश के चार माह उन्हें काला पानी की सजा जैसे बितानी पडती है। उनका बाहरी दुनिया से संपर्क न के बराबर होता है। जिसकी वजह है बस्ती तक पहुंच मार्ग का न होना। बस्ती आज भी पहुंच मार्ग से वंचित है। गांव में यदि कोई बीमार होता है तो उन्हें कंधों या डोली के सहारे ही अस्पताल तक जाना पड़ता है। बता दें कि इस बस्ती में लगभग एक दर्जन विद्यार्थी हैं जो बरसात के दिनों में पहुंच मार्ग न होने की वजह से विद्यालय नहीं जा पाते। ग्राम की महिला सुमित्रा वंशकार ने बताया कि गांव में सडक़ मार्ग न होने से वाहन न आने के कारण मेरे बीमार पति की मौत भी बीते माह में हो चुकी है। इसी तरह ग्राम की गर्भवती महिलाओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ग्राम में आज भी कई बुजुर्ग ऐसे हैं जिनकी सडक़ को देखने के लिए आंखें तक पथरा गई हैं और आज तक उन्हें सडक़ मार्ग नसीब नहीं हुआ। ग्राम की लगभग 65 वर्षीय हक्की बाई जिसको उसके परिजनों के द्वारा डोली पर बैठाकर अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया। कई बार शासन-प्रशासन से ग्रामीणों के द्वारा पहुंच मार्ग बनाने के लिए आवेदन दिया गया लेकिन उसके बाद भी आज तक सडक़ जैसी मूलभूत सुविधा नहीं मिली। सोचने वाली बात तो यह है कि विकास के लाख दावे करने वाली सरकार क्या उन्हें इन ग्रामीणोंं का दर्द नहीं दिखता क्या ग्रामीणों को सडक़ नसीब होगी और कब तक होगी यह देखने वाली बात है। वहीं जब इस मामले को लेकर जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आप लोगों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है बरसात में वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी जिससे आवागमन हो सकें बारिश के बाद जिला पंचायत में ग्राम पंचायत के माध्यम से प्रस्ताव पारित करके सडक़ मार्ग निर्माण किया जाएगा।

इनका कहना है

सडक की व्यवस्था नहीं है बच्चों को पढने एवं मरीज को अस्पताल इलाज कराने के लिए ले जाने में परेशानी होती है।

दशइयाँ अहिरवार, ग्रामीण

सडक ना होने के कारण सबसे बडी समस्या गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने की होती है बच्चों की पढाई भी प्रभावित होती है।

फोटो नं-८

कल्ला अहिरवार, ग्रामीण

पहुंच मार्ग न होने से वाहन ना आने के कारण बीते माह मेरे पति की मृत्यु हो गई थी एवं गर्भवती महिलाओं को परेशानी होती है।

सुमित्रा वंशकार, ग्रामीण

आपके माध्यम से यह मामला संज्ञान में आया है बरसात में वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी जिससे आवागमन हो सके। बारिश उपरान्त जिला पंचायत में प्रस्ताव भेजकर सडक निर्माण की कार्यवाही की जाएगी।

अखिलेश उपाध्याय

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जपं पवई

Created On :   20 July 2025 12:42 PM IST

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