Panna News: बदहाली में शहपुरा शाला, खतरे में मासूमों का भविष्य

बदहाली में शहपुरा शाला, खतरे में मासूमों का भविष्य
  • बदहाली में शहपुरा शाला, खतरे में मासूमों का भविष्य
  • सुविधाओं का टोटा, प्यासे रहते हैं बच्चे

Panna News: शिक्षा के मंदिर कहलाने वाले स्कूल यदि स्वयं बच्चों के जीवन और पढ़ाई के लिए खतरा बन जाएं तो हालात की गंभीरता सहज ही समझी जा सकती है। पन्ना जिले के पहाड़ीखेरा क्षेत्र की ग्राम पंचायत लुहरहाई अंतर्गत प्राथमिक शाला शहपुरा में इसी तरह की तस्वीर सामने आई है जहां कक्षा १ से ५ तक पढऩे वाले 101 मासूम छात्र-छात्राएं बदहाल माहौल में मजबूरी से पढ़ाई कर रहे हैं। यह हालात न केवल उनकी पढ़ाई बल्कि स्वास्थ्य और जिंदगी पर भी संकट बनकर मंडरा रहे हैं। विद्यालय की बाउंड्री दीवार नहीं होने से चारों ओर फैली घनी झाडिय़ां और खरपतवार बच्चों को घेरे रहते हैं। स्कूल से महज १०० किलोमीटर दूर बडी-बडी खरपतवार घास के बीज छुपे हुए दो गहरे बने गढ्ढों में पानी भरा रहता है जिसमें मवेशी तैरते देखे जा सकते है इस तरह के खतरनाक गढ्ढे मासूम बच्चों के लिए खतरा बने हुए है और कभी भी कोई बडी घटना भी हो सकती है। विद्यालय परिसर का क्षेत्र ऊबड़ खाबड़ और दलदल होने के चलते कई बार छोटे-छोटे बच्चे गिरकर चोटिल हो चुके है मगर अब किसी भी जिम्मेदार ने हालात सुधारने की कोशिश नहीं की है।

सुविधाओं का टोटा, प्यासे रहते हैं बच्चे

स्कूल में चार शिक्षक तो पदस्थ हैं लेकिन बच्चों के लिए सुविधाएं नाममात्र की भी नहीं हैं। एक मात्र हैंडपंप खराब पड़ा है जिससे पीने के पानी नहीं निकलता। पानी की व्यवस्था नहीं होने से बच्चों को घरों से बाटल में पानी लाना पडता है अथवा जो पानी नहीं ला पाते उन मासूमो को प्यासे स्कूल में समय में काटना पडता है। स्कूल में जो पुराने शौंचालय है वह खराब हो चुके है जहां पर गंदगी पसरी रहती है। विद्यालय का जो ठीक ठाक शौंचालय है साफ-सफाई के प्रबंधन नहीं होने के चलते उसमें अक्सर ताला लगा देखा जा सकता है। विद्यालय तक पहुंचने की जो मुख्य सडक है उस हमेशा कीचड और दलदल बना रहता है।

स्कूल में नहीं बनता मिड-डे मील, किचन शेड नहीं

सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चोंं के पोषण और पढ़ाई के लिए मध्यान्ह भोजन योजना चलाई जा रही है मगर शहपुर शाला की स्थिति बेहद निराशाजनक है। दो साल से टूटा पड़ा किचन शेड मरम्मत न होने से अब रसोईया को बच्चों का खाना मजबूरीवश घर से पकाकर लाना पड़ता है। इस लापरवाही से गुणवत्ता और स्वच्छता दोनों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गंदगी और बदबू से भरा वातावरण बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है। परिसर और आसपास खुले में शौच तथा मवेशियों की आवाजाही से हालात और भी भयावह बन गए हैं।

ग्रामीणों की नाराजगी

ग्रामीणों ओमकार यादव, राजेश, सोनू, राममूरत, लालमन, राजू, राहुल, लोकनाथ, आशीष सेन ने बताया कि शिकायतें कई बार पंचायत और विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई जा चुकी हैं मगर अब तक सुधार की कोई ठोस पहल नहीं की गई है। ग्रामीणों का दर्द साफ झलकता है कि जिम्मेदारों की उदासीनता से मासूम बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।

इनका कहना है

किचेन शेड लेकर मेरे द्वारा उच्च अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से जानकारी दी जा चुकी है। मजबूरी वश रसोइया अपने घर से खाना पकाकर बच्चों के लिए लाते हैं। इसी तरह बाउंड्री वॉल न होने से स्कूल के सामने खरपतवार गंदगी और आवारा पशुओं का डेरा रहता है। पानी के संकट को लेकर एक हैंडपंप तो है पर उसमें पानी बिल्कुल भी नहीं निकलता। मजबूरीवश छात्र-छात्राओं को अपने घर से पानी लाना पड़ता है।

नंदकिशोर सिंह गौड

प्रधान अध्यापक प्राथमिक शाला शहपुरा

प्राथमिक शाला शहपुरा की बाउंड्री के लिए मैं दो-तीन बार शिक्षा विभाग और विधायक को आवेदन दे चुका हूं। ग्राम पंचायत लुहरहाई छोटी पंचायत होने के कारण पर्याप्त बजट नहीं आता पर शिक्षा विभाग द्वारा आश्वासन दिया गया है कि बजट आने पर शाला परिसर की बाउंड्री के लिए राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

लच्छू गौड

सरपंच ग्राम पंचायत लुहरहाई

इनका कहना है

बाउण्ड्री वॉल निर्माण के लिए बजट प्राप्त नहीं हो रहा है मिड-डे मील कार्यक्रम की नोडल एजेंसी जिला पंचायत है किचन शेड के निर्माण होने से मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। स्कूल परिसर क्षेत्र को समतल बनाने और गढ्ढों को भरने को लेकर जो संभव व्यवस्था होगी उस पर कार्रवाही की जायेगी।

अजय गुप्ता

परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र पन्ना

Created On :   11 Sept 2025 2:48 PM IST

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