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पन्ना: अतिथि शिक्षकों के लिए खतरे की घंटी बनीं पदोन्नति पद प्रभार की कार्यवाही
डिजिटल डेस्क, पन्ना। मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्कूलों में कार्य करने वाले नियमित शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें उच्च पद पर पदोन्नति प्रभार दिए जाने की कार्यवाही तेजी के साथ पूरी की जा रही है। जिसके तहत प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों को विषय योग्यतानुसार माध्यमिक शाला के शिक्षक पद पर पदोन्नति प्रभार तथा माध्यमिक शालाओं में पदस्थ शिक्षकों को विषय योग्यतानुसार हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी शिक्षक के पद पर प्रभार दिए जाने की कार्यवाही की गई है जिसकी काउसलिंग संबधी कार्य भी पूरा हो चुका है और उनकी पदस्थापना की कार्यवाही भी शुरू हो गई है। शिक्षकों को पदोन्नति प्रभार पाठशालाओं में रिक्त पदों पर काउसलिंग के माध्यम से दिया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रक्रिया के बाद माध्यमिक शालाओं तथा हाई स्कूल में अतिथि शिक्षक के पद पर कार्य करने वाले बडी संख्या में अतिथि शिक्षकों की चितायें अपने भविष्य को लेकर बढ़ गई है वजह यह है कि जिन विद्यालयों में अतिथि शिक्षको के रूप में वर्षाे से सेवायें दे रहे है नियमित शिक्षकों को पदोन्नति प्रभार दिए जाने से उन विद्यालयों में पदो की पूर्ति हो रही है और ऐसे में अतिथि शिक्षकों की स्थिति वहां पर अतिरिक्त शिक्षकों के रूप मेें हो जायेगी इसके चलते इन सभी अतिथि शिक्षकों के सेवाओं से बाहर हो जाने का खतरा साफ तौर दिखाई दे रहा है।
अतिथि शिक्षक भर्ती नियम निर्देश में यह प्रावधानित किया गया है कि पदों की पूर्ति होने पर उनके सेवायें समाप्त हो जायेगी हालांकि सरकार द्वारा हाल में ही एक आदेश जारी किया गया है कि सत्र अवधि के दौरान अतिथि शिक्षकों को निकाला नहीं जायेगा। जो कि अतिथि शिक्षकों के लिए कुछ माहों के लिए ही राहत है। मार्च माह में शिक्षण सत्र समाप्त हो जाता है इसके बाद माध्यमिक शालाओं तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं में कार्य करने वाले हजारों की संख्या में अतिथि शिक्षकों का भविष्य क्या होगा यह पदोन्नति प्रभार संबधी कार्यवाही से उनके लिए बडी खतरे की घंटी बन गया है।
सरकारी स्कूलों में बडी संख्या में काम करने वाले अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपने नियमितकरण की मांग कर रहे थे। विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार द्वारा अतिथि शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मानदेय वृद्धि किए जाने साथ ही साथ भविष्य में होने वाली भर्तियों में अतिथि शिक्षकों को ५० प्रतिशत पदों पर आरक्षण दिए जाने की घोषणा की गई परंतु इसके बाद शिक्षकों की पदोन्नति प्रभार संबधी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई जिसके चलते माध्यमिक शालाओं तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं में अधिकांश रिक्त पद शिक्षकों को पदोन्नति प्रभार दिए जाने से भरे रहे हैं अतिथि शिक्षकों को इसके चलते घर बैठना पड सकता है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जब पदोन्नति प्रभार से माध्यमिक शालाओं तथा उच्चतर माध्यमिक शालाओं के सभी पद स्वत: ही भर जायेगें ऐसे में जब पद ही नहीं खाली होगें तो जब भर्ती निकलेगी उसका क्या औचित्य होगा। माध्यमिक शालाओं और उच्चतर माध्यमिक शालाओं में बडी संख्या में ऐसे अतिथि शिक्षक है जो अगले सत्र से पूरी तरह से बेरोजगार हो जायेंगे।
प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों के बडी संख्या में पद होंगे खाली
प्राथामिक शाला स्कूल की प्राथमिक कडी है प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों को माध्यमिक शाला शिक्षक के पद पर पदोन्नति प्रभार मिल रहा है। जिसके चलते प्राथामिक शालाओ में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बढ जायेगी बीच सत्र में शिक्षा विभाग द्वारा की जाने वाली कार्यवाही से स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होना स्वभाविक है। प्राथामिक शालाओं में पदों के रिक्त होने पर अतिथि शिक्षकों का सहारा लेना होगा। समस्या यह है कि माध्यमिक शाला तथा उच्चतर माध्यमिक शाला में पदस्थ शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्य है जबकि प्राथमिक शिक्षक के लिए अब डीएड होना अनिर्वाय हो गया है ऐसे में माध्यमिक शाला और उच्चतर माध्यमिक शाला में काम करने वाले अतिथि शिक्षक जो कि बीएड है किन्तु डीएड नहीं हैं उन्हें वह प्राथमिक शालाओं में शिक्षक के लिए अर्हता नहीं रखते हैं।
Created On :   9 Oct 2023 3:09 PM IST