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पन्ना: श्रेयांश गिरी पंचकल्याणक महोत्सव का तीसरा दिन
डिजिटल डेस्क, पन्ना। अतिशय क्षेत्र श्रेयांश गिरी में परम पूज्य राष्ट्र संत गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में संपन्न हो रहे श्री मज्जिनेन्द पंचकल्याणक महा महोत्सव जन्म कल्याणक के पावन दिवस प्रात: कालीन अभिषेक शांति धारा के उपरांत प्रभु शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरहनाथ का जन्म कल्याणक संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर जगत माता ने त्रिलोकी नाथ को जन्म देकर तीनों लोक में आनंद की लहर प्रभावित हुई। सौंधर्म इंद्र ने प्रभु को ऐरावत हाथी में विराजमान कर पान्डुक शिला में ले जाकर भव्य जन्माभिषेक की क्रिया संपन्न की। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने प्रभु का जन्माभिषेक कर पुण्यार्जन किया।
इस सु-अवसर पर गणाचार्य विराग सागर जी महाराज ने जन्म कल्याणक की महिमा बतलाते मुझे कहा वे सभी प्राणी धन्य है जो आज यहां सभी मिलकर प्रभु का जन्म कल्याणक भारी हर्षोल्लास से मना रहे हैं यूं तो संसार में प्रत्येक प्राणियों के होते हैं जन्म किंतु यह कोई बड़ी बात नहीं किंतु जन्म तभी सार्थक है जबकि प्राणी जन्म लेकर कुछ ऐसा काम करें जो सबके लिए आदर्श बन जाए। प्रभु शांतिनाथ, कुन्थुनाथ, अरहनाथ ऐसे ही आदर्शमयी जीवन के आधार है जिन्होंने चक्रवर्ती जैसी संपदा को अपने पूर्व पुण्योदय से प्राप्त किया। वे ऐसी महापुरुष थे जिनके जन्म लेने मात्र से कुछ समय के लिए नर्को मैं भी सुख की अनुभूति हुई थी। जिन्होंने अपने महान कार्यों के द्वारा अपने जन्म को सफल बनाया।
नचने वासियों को विभिन्न सामग्री होगी भेंट
प्रभु के जन्म कल्याण के उपलक्ष्य में माता-पिता सौंधर्म इंद्र, कुबेर इत्यादि पात्रों ने नचने ग्राम वासियों के लिए कंबल, बर्तन, भोजन इत्यादि सामग्री प्रदान करने की घोषणा की जिसमें पंचकल्याणक के प्रत्येक दिन विभिन्न सामग्री दान की जायेगी जिस बात को लेकर संपूर्ण नचने में प्रसन्नता की लहर छा गई है।
मेहसाणा की ब्रह्मचारिणी रत्ना देवी का हुआ छुल्लिका दीक्षा समारोह
इस पावन अवसर पर पूज्य गुरुदेव के पावन कर कमलों से मेहसाणा राजस्थान निवासी ब्रह्मचारिणी रत्ना देवी 81 वर्षीय की भव्य जैनेश्वरी दीक्षा संपन्न हुई दीक्षोपरान्त उनका नाम छुल्लिका विश्व रत्ना श्री माताजी रखा गया। वयोवृद्ध होने पर भी माताजी ने संपूर्ण गृह कुटुंब त्याग कर इस असाधारण जैन दीक्षा को धारण किया है। मीडिया प्रभारी भरत सेठ घुवारा ने उक्ताशय कि जानकारी देते हुए बतलाया कि इस महा महोत्सव में जैन ही नहीं बल्कि जैनेत्तर समाज की भारी उपस्थिति रही जिसमें सच्चिदानंद शर्मा, माखनलाल नचने की पूर्व सरपंच इत्यादि अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
Created On :   21 Nov 2023 12:04 PM IST