Panna News: बीस किमी में दो टोल नाका एमपीआरडीसी की मनमानी पर रोष, नियमों की अनदेखी जारी

बीस किमी में दो टोल नाका एमपीआरडीसी की मनमानी पर रोष, नियमों की अनदेखी जारी
  • बीस किमी में दो टोल नाका एमपीआरडीसी की मनमानी पर रोष
  • नियमों की अनदेखी जारी

Panna News: जिले में नियमों की अनदेखी और मनमानी वसूली का एक नया मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित टोल बूथों पर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। स्टेट हाईवे 49 पर स्थित सिंहपुर और छटवां मील मेंं मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर दो टोल नाके स्थापित किए गए हैं जिनसे वाहन चालकों से मनमाना टोल वसूला जा रहा है। यह सीधे तौर पर भारत सरकार की टोल नीति का उल्लंघन है जिससे स्थानीय लोगों, व्यापारियों और किसानों में भारी रोष है। भारतीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा 2008 में जारी संशोधित टोल नीति के अनुसार दो टोल बूथों के बीच न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए। हालांकि, पन्ना जिले में इस नियम को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। एमपीआरडीसी ने मात्र 20 किलोमीटर के दायरे में दो टोल बूथ स्थापित कर दिए हैं जिससे वाहन चालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

गैर-वाणिज्यिक वाहनों से भी वसूली

हैरानी की बात यह है कि टोल वसूली के दौरान ट्रैक्टर जैसे गैर वाणिज्यिक वाहनों से भी शुल्क लिया जा रहा है। आमतौर पर कृषि कार्यों में उपयोग होने वाले ट्रैक्टरों पर टोल शुल्क लागू नहीं होता है। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा हर गुजरने वाले वाहन से शुल्क वसूला जा रहा है। इस मनमानी से किसानों और छोटे व्यापारियों में जबरदस्त नाराजगी है क्योंकि उन्हें अनावश्यक रूप से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। एमपीआरडीसी द्वारा टोल नीति के विरुद्ध की जा रही यह वसूली न केवल अवैध है बल्कि आम जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी डाल रही है।

कटनी के ठेकेदार को मिला ठेका, बढ़ रही लागत

जानकारी के अनुसार इन टोल बूथों का संचालन कटनी के एक निजी ठेकेदार विनय दीक्षित को सौंपा गया है। जिन्हें एमपीआरडीसी ने हाल ही में नया अनुबंध दिया है। ठेकेदार द्वारा वन-वे पॉलिसी के तहत टोल वसूला जा रहा है जिसमें हर वाणिज्यिक वाहन से शुल्क लिया जाता है भले ही वह एक ही दिन में दोनों टोल नाकों से गुजरे। इस अनियमित टोल वसूली का सबसे बड़ा असर स्थानीय व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और कृषि कार्य में लगे वाहन मालिकों पर पड़ रहा है। उन्हें रोजमर्रा की आवाजाही में दो-दो बार टोल शुल्क चुकाना पड़ रहा है जिससे उनकी लागत बढ़ रही है और मुनाफा घट रहा है।

जनता में रोष, नियम पालन की मांग

इस व्यवस्था से जुड़ा रोष अब धीरे-धीरे मुखर होता जा रहा है। स्थानीय लोगों, व्यापारी संघों और किसान संगठनों ने एमपीआरडीसी की इस मनमानी के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्होंने केंद्र की टोल नीति के अनुसार दो टोल बूथों के बीच 60 किलोमीटर की दूरी सुनिश्चित करने और गैर-वाणिज्यिक वाहनों से अवैध वसूली तत्काल रोकने की मांग की है।

इनका कहना है

मध्य प्रदेश शासन से यह स्वीकृत है यदि शासन से कोई बंद करने का आदेश होगा तो बंद कर पायेंगे।

एन.के. बारभे, डिवीजन मैनेजर एमपीआरडीसी सागर

Created On :   7 Jun 2025 6:10 PM IST

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