Panna News: बेलडाबर और टिकुरी के आदिवासी ग्राम आज भी अंधेरे में, शासन की योजनाएं कागजों तक सीमित

बेलडाबर और टिकुरी के आदिवासी ग्राम आज भी अंधेरे में, शासन की योजनाएं कागजों तक सीमित
  • बेलडाबर और टिकुरी के आदिवासी ग्राम आज भी अंधेरे में
  • शासन की योजनाएं कागजों तक सीमित

Panna News: एक तरफ जहां केंद्र और राज्य सरकारें आदिवासी समुदायों के उत्थान के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पवई विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले आदिवासी बाहुल्य ग्राम बेलडाबर व टिकुरी पिछले एक साल से बिना बिजली के अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं। सरकार की धरती आबा जैसी तमाम योजनाएं जिनका उद्देश्य आदिवासियों को मुख्यधारा से जोडऩा है जो कि इन गांवों के लिए बेमानी साबित हो रही हैं। बच्चों की पढ़ाई हो या रात का खाना बनाना गांव वालों के लिए हर काम चुनौती बन गया है। अंधेरे के कारण ग्रामीणों में डर का माहौल भी बना रहता है। स्कूल जाने वाले बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित है। सरकार का स्कूल चले हम नारा यहां खोखला लगता है क्योंकि जब गांवों में रोशनी ही नहीं है तो शिक्षा का उजाला कैसे पहुंचेगा।

शिकायतों के बावजूद कोई सुनवाई नहीं

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंंने बार-बार शिकायतें कीं और अधिकारियों को आवेदन भी दिए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। विद्युत विभाग में शिकायत करने पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने इस पत्र के माध्यम से मांग की है कि प्रशासन इस मामले पर तत्काल ध्यान दें व गांवों में बिजली की व्यवस्था की जाए। उनका कहना है कि बिजली मिलने पर ही उनके बच्चे पढ़ पाएंगे और वह समाज की मुख्यधारा में शामिल हो पाएंगे।

प्रशासन ने दिया आश्वासन

इस मामले पर सिमरिया के प्रभारी तहसीलदार सुमित तिवारी ने कहा आप लोगों के द्वारा उक्त मामला संज्ञान में लाया गया है। इस संबंध में तत्काल ही वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विद्युत की व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहा हूं। अब देखना यह है कि प्रशासन के आश्वासन पर कब तक अमल होता है और बेलडाबर और टिकुरी के ग्रामीणों को अंधेरे से कब मुक्ति मिलती है।

Created On :   2 Aug 2025 12:40 PM IST

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