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Panna News: हाई कोर्ट ने तहसीलदार के आदेश पर लगाई रोक, कलेक्टर को प्रकरण का निराकरण करने के आदेश

- हाई कोर्ट ने तहसीलदार के आदेश पर लगाई रोक
- कलेक्टर को प्रकरण का निराकरण करने के आदेश
- ग्राम पंचायत मडला में शासन से आंवटित भूमि पर सामुदायिक भवन निर्माण का मामला
Panna News: हाई कोर्ट जबलपुर में याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा पन्ना तहसीलदार के आदेश पर रोक लगाते हुए कलेक्टर पन्ना को याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत पुनरीक्षण प्रकरण पर सुनवाई करते हुए 45 दिनों के अंदर प्रकरण का निराकरण करने के आदेश दिए गए हैं। याचिकाकर्ता बेनीबाई प्रजापति व अन्य द्वारा संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की गई थी कि उनके स्वर्गीय पिता अयोध्या प्रसाद प्रजापति को ग्राम मड़ला में खसरा क्रमांक 508, 509, 510 और 511 जिसका क्षेत्रफल 1.66 हेक्टेयर है का सरकारी पट्टा प्रदान किया गया था। उनकी मृत्यु के बाद याचिकाकर्ता उक्त भूमि के कानूनी उत्तराधिकारी हैं और उस पर कब्जा करके खेती करते हैं। राजस्व अभिलेखों में भूमि को सरकारी भूमि दर्ज करने के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। याचिकाकर्ताओं को उनकी भूमि के संबंध में जानकारी लगी कि ग्राम पंचायत खसरा क्रमांक 511 पर सामुदायिक भवन निर्माण करने का प्रयास कर रही है जिस पर उन्होंने तहसीलदार से संपर्क किया और तहसीलदार द्वारा पटवारी रिपोर्ट और याचिकाकर्ताओं के कब्जे पर विचार करते हुए दिनांक 21 अप्रैल 2025 को एक आदेश पारित करते हुए ग्राम पंचायत के प्रस्तावित निर्माण पर रोक लगा दी।
इसके बाद 13 मई 2025 को विवादित आदेश पारित करते हुए अपने दिए गए स्थगन को निरस्त कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं द्वारा तहसीलदार द्वारा पारित आदेश पर कलेक्टर पन्ना के समक्ष पुनरीक्षण अपील प्रस्तुत की गई जिसका निराकरण नहीं हुआ है। हाई कोर्ट जबलपुर में न्यायमूर्ति हिमांशू जोशी के समक्ष बेनीबाई प्रजापति एवं अन्य बनाम कलेक्टर पन्ना एवं अन्य के नाम पर याचिका की सुनवाई की गई। न्यायालय द्वारा याचिका का निपटरा करते आदेश पारित किया गया तथा कलेक्टर जिला पन्ना को निर्देश दिए गए कि वह तहसीलदार पन्ना द्वारा पारित आदेश के विरुद्ध याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत पुनरीक्षण पर यथाशीघ्र आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख के 45 दिनों के भीतर विचार करे व निर्णय लें। कलेक्टर सभी पक्षों को सुनवाई का उचित अवसर प्रदान करने के पश्चात एक तर्कपूर्ण आदेश पारित करेंगे। पुनरीक्षण पर निर्णय होने तक पक्षकार खसरा क्रमांक 511 के संबंध में यथा स्थिति बनाए रखेंगे। न्यायालय द्वारा कलेक्टर को स्वतंत्र रूप से कानून के अनुसार परीक्षण कर निर्णय लेने का आदेश दिया गया है। प्रकरण में याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी अधिवक्ता डी.सी. चौहान व अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने की।
Created On :   1 Aug 2025 12:17 PM IST