Panna News: जल संकट से परेशान ग्रामीण, आठ दिन से बंद पानी की सप्लाई, हैण्डपम्पों से पानी ढोने को मजबूर लोग

जल संकट से परेशान ग्रामीण, आठ दिन से बंद पानी की सप्लाई, हैण्डपम्पों से पानी ढोने को मजबूर लोग
  • जल संकट से परेशान ग्रामीण
  • आठ दिन से बंद पानी की सप्लाई
  • हैण्डपम्पों से पानी ढोने को मजबूर लोग

Panna News: रैपुरा तहसील मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत अधराड में आठ दिनों से पानी की सप्लाई बंद है जिससे लोग गांव में अलग-अलग जगहों पर लगे हैंडपंप से पानी ढोने को मजबूर हैं। छोटे बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं सुबह से गांव की गलियों में पानी ढोते हुए नजर आए। मीडियाकर्मियों को देखकर पंचायत के प्रति उनका आक्रोश फूट पडा। उन्होंने बताया कि गांव के कुछ हिस्से में ही पाइपलाइन डली है जिसमें आठ दिनों से पानी नहीं आ रहा। उन्हें बताया गया कि वाल्व खराब है जिसकी अभी तक रिपेयरिंग नहीं कराई गई।

हैण्डपम्पों के आसपास जमा है गंदगी व कीचड

गांव में घुसते ही हमें पहला हैंडपम्प मिला। जिसमें कुछ लोग पानी भर रहे थे हमने हैंडपम्प के पानी भरने वाले हिस्से में बहुत ही गंदा एवं बदबूदार पानी देख कर लोगों से पूछा कि आप ऐसा पानी पीने के लिए भर रहे हैं तो उन्होंने बताया कि हम इसका इस्तेमाल सिर्फ अन्य कार्यों के लिए करते हैं। पीने के लिए किसान के खेत से पानी लाते हैं। हैंडपम्प के पास ही सोखता बना हुआ था परंतु उसका पानी उसमें न जाकर वहीं हैंडपम्प के पानी भरने वाले हिस्से में भरा था जो इतना गंदा था कि उसे मवेशी भी न पियें। गांव के वार्ड नंबर 13 में बने इस हैंडपम्प में काफी महिलाएं एवं बच्चे पानी भर रहे थे। नल के पास ही गढ्ढे में गंदा पानी भरा हुआ था। जो गढ्ढे से बाहर सडक़ पर वह रहा था। महिलाओं ने हमें बताया कि इस वार्ड नंबर 13 में पानी की पाइपलाइन ही नहीं है। इसलिए हमेशा से ही 500 मीटर दूर स्थित नल से ही पानी ढोना पड़ता है। वहां छोटी-छोटी बच्चियां जो अलग-अलग साइकिलोंं से पानी लेकर पानी भरने पहुंची थी उन्होंने बताया कि इससे हमारी पढ़ाई पर ही असर पड़ता है।

सप्लाई के पाइप गंदगी में डूबे

जिन दो जगहों पर पंचायत सप्लाई का पानी जनता को दे रही है वहां नोजल तक नहीं है बल्कि सीधे सप्लाई के पाइप से लोग पानी भरते हैं। दोनों जगहों पर यह पाइप गंदी नालियों में डूबे मिले। लोगों ने बताया कि ऐसी गंदगी का पानी पीने के लिए लोग मजबूर हैं। एक महिला ने कहा कि यहां अधिकारी आयें और यह पानी पीकर बतायें। लोगों ने कहा कि आधे से अधिक गांव में पानी की पाइप लाइन ही नहीं है। पंचायत कुछ दूरी तक पक्की नाली बनीं हैं लोगों ने बताया कि इसकी भी सफाई नहीं होती। लोगों ने गंदगी दिखाते हुए कहा कि यहां हम लोग रहते हैं मच्छर और सांप इनमें से निकलकर घरों में घुसते हैं। बच्चे खेलते हैं पूरी नाली खुली पड़ी है लेकिन ध्यान देने वाला कोई नहीं है। एक व्यक्ति ने 26 जनवरी को पंचायत में दिया एक आवेदन दिखाते हुए कहा कि घर के बाहर नालियों का पानी भर जाता है इसके सही कराने आवेदन दिया परंतु कुछ भी नहीं हुआ। ग्राम पंचायत पहुंचे तो हमेंं वहां सिर्फ रोजगार सहायक ही मिले। उनसे हमने पूछा कि पंचायत में जहां पाइपलाइन है वहां सप्लाई क्यों बंद है तो उन्होंने कहा कि वाल्व खराब हैं हमने बुलवा लिए है परंतु अभी लगे नहीं हैं। दो टैंकर होते हुए उनसे पानी की आपूर्ति नहीं होती तो उन्होंने कहा कि टैंकर से पानी आपूर्ति करने का नियम नहीं है। वहीं लोगो ने हैंडपंपों के पास एक पुलिया दिखाई जो खतरनाक रूप से टूटी थी। लोगों ने बताया कि इसी रास्ते से होकर लोग पानी लेकर सैकड़ों लोग गुजरते है। मवेशी कई बार इसमें फंसकर घायल होते है। पंचायत में कई बार इसके लिए कहा लेकिन कोई सुनने वाला नहीं।

विद्यालय के गेट के बाहर बांस के सहारे झूलते बिजली के खुले तार

गांव में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में मुख्य गेट पर बिजली के खुले तार झूलते हुए मिले। यह मात्र आठ फीट की ऊंचाई पर झूल रहे थे वह भी एक बांस के सहारे और अगर बांस न हों तो यह आसानी से हांथों से पकडे जा सकते हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि बच्चों को हमेशा खतरा बना रहता है। इस स्कूल में दो कमरे में कक्षाओं को देखा जिनमें छत से छडें निकलीं थीं। स्कूल प्रबंधन ने बताया कि बारिश में हम बच्चों को इन कमरों में नहीं बैठा पाते क्योंकि पानी गिरता है और छत भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त है।

इनका कहना है

मै पंचायत पहुंचकर देखूंगा कि क्या स्थिति है।

भगवान सिंह, सीईओ जपं शाहनगर

हमें विकासखंड से लगभग सौ स्कूलों की मरम्मत के लिए पत्र जिला मुख्यालय भेजा हुआ है। अभी राशि स्वीकृत नहीं हुई है।

अमित श्रीवास्तव, बीआरसी

Created On :   4 Jun 2025 12:43 PM IST

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