विभागीय-न्यायिक कार्यवाही जारी रहने पर भी मिलेगी अनंतिम पेंशन

विभागीय-न्यायिक कार्यवाही जारी रहने पर भी मिलेगी अनंतिम पेंशन

डिजिटल डेस्क, पन्ना। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि यदि शासकीय सेवक को सेवानिवृत्ति के दिनांक तक विभागीय या न्यायिक कार्यवाही लम्बित रहने की स्थिति में निलम्बित रखा जाता है तो निलंबित होने के पहले की तारीख तक की अर्हकारी सेवा अवधि, अनंतिम पेंशन की गणना के लिए ली जाएगी। अर्हकारी सेवा के आधार पर अनुज्ञेय अधिकतम पेंशन के बराबर अनंतिम पेंशन कार्यालय प्रमुख द्वारा स्वीकृत की जाएगी। शासकीय सेवक के विरूद्ध विभागीय या न्यायिक कार्रवाई जारी रहने पर भी सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को अनंतिम पेंशन की पात्रता होगी। राज्य शासन ने 19 मई 2023 को जारी आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 में संशोधन किया है। ये संशोधन नियम 64 के स्थान पर स्थापित किए गए हैंए जो 12 दिसम्बर 1990 से लागू समझे जायेंगे। सेवानिवृत्ति की तारीख से शुरू होकर विभागीय या न्यायिक कार्यवाई समाप्त होने के बाद सक्षम अधिकारी द्वारा अंतिम आदेश पारित होने के दिनांक तक की अवधि के लिए कार्यालय प्रमुख द्वारा सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को अनंतिम पेंशन का भुगतान किया जाएगा।

विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ समाप्त होने पर अंतिम आदेश जारी होने तक किसी उपादान राशि का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। पेंशन नियम 64 में हुए संशोधन में प्रावधान किया गया है कि विभागीय कार्यवाही मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 16 के अधीन नियमों के नियम 10 के खण्ड एक, दो और चार में विनिर्दिष्ट शास्तियों में से कोई शास्ति अधिरोपित करने के लिए संस्थित की गई हो तो सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को अनुज्ञेय उपादान के 90 प्रतिशत तक अनंतिम उपादान का भुगतान किया जाएगा। यह अनंतिम उपादान नियम 60 के उपनियम 2 में उल्लेखित बकायों को समायोजित करने के बाद भुगतान किया जाएगा। उप नियम 1 के अंतर्गत सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को दी गई अनंतिम पेंशन और उपादान राशि, विभागीय जाँच या न्यायिक कार्रवाई के समाप्त होने के बाद स्वीकृत किए गए अंतिम सेवानिवृत्ति लाभों के विरूद्ध समायोजित की जाएगी। यह भी प्रावधान किया गया है कि अंतिम रूप से स्वीकृत पेंशन और उपादान राशि से पहले दी गई अनंतिम पेंशन एवं उपादान राशि के कम होने या पेंशन-उपादान को कम करने या स्थायी रूप से अथवा विनिर्दिष्ट कालावधि के लिए रोक लगाने की स्थिति में वसूली नहीं की जाएगी।

Created On :   29 May 2023 11:32 AM IST

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