Pune News: पिंजरे में तेंदुआ, पर पता नहीं कौनसा है…

पिंजरे में तेंदुआ, पर पता नहीं कौनसा है…
  • नरभक्षी तेंदुए को पकड़ने के लिए खेत में लगाए गए हैं आठ पिंजरे
  • हर गांव में गश्त, लेकिन दहशत बरकरार

भास्कर न्यूज, पुणे। शिरूर तहसील के पिंपरखेड़ गांव में आखिरकार तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया। सोमवार को तेंदुए ने हमला कर एक व्यक्ति की जान ले ली थी। मंगलवार सुबह उसी स्थान पर पिंजरे में तेंदुआ फंसा मिला। हालांकि, वन विभाग ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि पकड़ा गया तेंदुआ वही नरभक्षी है या कोई दूसरा। घटना के बाद पूरे गांव में तनाव का माहौल है।

आक्रोशित ग्रामीणों ने मांग की कि तेंदुए को तुरंत मार दिया जाए, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने समझाया कि पिंजरे में फंसे किसी वन्य प्राणी को मारना कानूनन अपराध है। इस मुद्दे पर ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। वन विभाग ने पकड़े गए तेंदुए को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

हर गांव में गश्त, लेकिन दहशत बरकरार

वन विभाग की ओर से बताया गया कि तेंदुओं की बढ़ती संख्या और लगातार हो रहे हमलों के कारण इलाके को विशेष निगरानी क्षेत्र घोषित किया गया है। पिंजरों की संख्या बढ़ाई जा रही है और हर गांव में गश्त के आदेश दिए गए हैं। वनकर्मी लगातार गांवों में जाकर लोगों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दे रहे हैं। पिंपरखेड़, आंबेगांव और जुन्नर इलाके में तेंदुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह से तेंदुए रात के समय घरों और आंगन के आसपास घूमते नजर आ रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार को जिस व्यक्ति पर हमला हुआ, वह खेत के पास मवेशी बांधने गया था। तभी तेंदुए ने हमला कर दिया। उस स्थान के पास ही अगले दिन तेंदुआ पिंजरे में फंस गया, जिससे लोगों में राहत जरूर मिली, लेकिन दहशत अभी भी कायम है।

और पिंजरे लगाएं, वनकर्मी बढ़ाएं

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र में और पिंजरे लगाए जाएं और गांवों में स्थायी वनकर्मी तैनात किए जाएं। उनका कहना है कि केवल पकड़ने से समाधान नहीं होगा, बल्कि तेंदुओं का स्थायी रूप से स्थानांतरण जरूरी है। इस क्षेत्र में पिछले एक महीने में लगातार तेंदुए के हमले हो रहे हैं। अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 10 तेंदुए पिंजरे में पकड़े जा चुके हैं। किसान अब खेतों में रात को जाने से कतराने लगे हैं। महिलाएं और बच्चे अकेले बाहर निकलने से डरते हैं।

शिरूर के आरएफओ नीलकंठ गव्हाणे ने बताया कि रात को ही शूटर की टीम भेज दी गई थी, साथ ही पांच लोगों की रेस्क्यू टीम भी वहां मौजूद थी। वन विभाग की टीम के साथ स्थानीय नागरिक भी मौजूद थे। सुबह 7.30 बजे के करीब देखा गया कि तेंदुआ पिंजरे में आ गया है।

Created On :   5 Nov 2025 4:08 PM IST

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