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अहमदनगर के जिलाधिकारी को 5 हजार का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, पुणे। बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने अहमदनगर जिले की शाहपुर-केकटी, वाडरवाडी, बरबाभाली ग्राम पंचायत सीमा में अनधिकृत और बिना लाइसेंस वाले व्यावसायिक निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका में कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं करने पर अहमदनगर जिला कलेक्टर पर पांच हजार का जुर्माना लगाया है। यह राशि उनके वेतन से काटने का आदेश दिया गया है। अहमदनगर शहर के निकट शाहपुर-केकटी, वाडरवाडी, बरबाभाली ग्राम पंचायतों की सीमा में हाल के दिनों में बड़ी संख्या में निर्माण हुए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता पवन भिंगारदिवे ने इन ग्राम पंचायतों से इस क्षेत्र में निर्माण पेशेवरों के लाइसेंस के संबंध में जानकारी मांगी थी।
सूचना के अधिकार में हर ग्राम पंचायत ने जानकारी दी है कि कई बिल्डरों को बिल्डिंग परमिट जारी नहीं किया गया है। भिंगारदिवे ने शाहपुर-केकती, वाडारवाड़ी, बरबाभाली ग्राम पंचायत सीमाओं में अनधिकृत और बिना लाइसेंस वाले वाणिज्यिक निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए समय-समय पर ग्राम सेवकों और जिला कलेक्टरों के साथ पत्र व्यवहार किया था। आवेदन में मांग की गई है कि जिला कलेक्टर ग्राम पंचायतों के मामलों की जांच के लिए एक जांच अधिकारी नियुक्त करें और दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें। चूंकि जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो भिंगारदिवे ने 2018 में औरंगाबाद पीठ में एक जनहित याचिका दायर की। न्यायमूर्ति आर. वी घुगे और न्यायमूर्ति एस. एक देशमुख के समक्ष इस जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका में उत्तरदाताओं को अपनी दलीलें प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। इसके बाद ग्राम पंचायतों के माध्यम से विवरण प्रस्तुत किये गये। तदनुसार, यह स्पष्ट किया गया कि संबंधित निर्माण अनुमति के संबंध में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जनवरी 2023 को कलेक्टर को पूरे मामले को देखने और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया। इस कार्रवाई के बाद चार सप्ताह के अंदर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया। जनहित याचिका पर 22 जुलाई को सुनवाई हुई। अतिक्रमणकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का शपथ पत्र और कोई शपथ पत्र पेश नहीं करने पर खंडपीठ ने कलेक्टर पर जुर्माना लगाया है और उनके वेतन से पांच हजार रुपये काटने का आदेश दिया है। यह राशि आनंदग्राम में जमा कराने का निर्देश हाईकोर्ट बॉम्बे बेंच के निदेशक को दिया गया है। तीन ग्राम पंचायतों की सीमा में 64 बड़े बिल्डर काम कर रहे हैं। इस इलाके में अपार्टमेंट, रो-हाउसिंग सोसायटी, कमर्शियल कॉम्प्लेक्स जैसे सैकड़ों निर्माण किए गए हैं। इन बिल्डरों ने राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया है।
Created On :   22 July 2023 7:43 PM IST