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Pune News: जाली बनी कई जिन्दगियों की ढाल, नहीं तो 4 की जगह 40 मरते, 35 घायलों को छुट्टी

- 35 घायलों को अस्पताल से मिली छुट्टी
- 11 का आईसीयू में उपचार जारी
Pune News. मावल तहसील के तलेगांव दाभाड़े के पास कुंडमला में हुए पुल हादसे के बाद सोमवार को चले व्यापक खोज अभियान में राहत की खबर सामने आई है। सोमवार को कोई शव बरामद नहीं हुआ और न ही किसी लापता व्यक्ति की शिकायत दर्ज हुई है। दुर्घटना में घायल 50 लोगों में से 35 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 11 अब भी आईसीयू में उपचाराधीन हैं। पुल ढहने के बाद लोगों के लिए जाली ढाल बन गई। लोगों ने इस जाली का सहारा लिया। इसके कारण स्थानीय आपदा प्रबंधन दल उन्हें सुरक्षित निकालने में सफल रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि यह जाली कई लोगों के लिए वरदान साबित हुआ। स्थानीय होटल व्यवसायी सागर भेगड़े ने बताया कि जाली की वजह से कई लोगों की जान बच गई। अगर जाली नहीं होते तो इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या चार से 40 हो जाती।
ड्रोन से चलाया गया तलाशी अभियान
रविवार (15 जून) को इंद्रायणी नदी पर बने कुंडमला लोहे के पैदल पुल के अचानक टूटने से अफरा-तफरी मच गई थी। इस हादसे में चार पर्यटकों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। दूसरे दिन दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्य के लिए तलेगांव एमआईडीसी पुलिस, रायगढ़ आपदा प्रबंधन और चार स्थानीय दल तैनात किए गए थे। रविवार देर रात तक एनडीआरएफ और स्थानीय बचाव टीमों ने तलाशी अभियान चलाया। बारिश के चलते राहत कार्य में बाधा आ रही थी। सोमवार को सुबह से पुनः तलाशी अभियान चलाया गया क्योंकि आशंका थी कि कुछ लोग इंद्रायणी नदी में बह गए होंगे। ड्रोन का उपयोग कर तलाशी की गई। अभियान दोपहर 2 बजे तक जारी रहा, लेकिन कोई शव नहीं मिला। पुलिस को किसी के लापता होने की शिकायत नहीं मिली। इसलिए तलाशी अभियान रोक दिया गया। लापता नागरिकों पर नजर रखने के लिए म्हालुंगे एमआईडीसी पुलिस को सूचित किया गया है। इसके अनुसार वहां टीम तैनात की गई। इस हादसे में छह दोपहिया वाहन पानी में डूबे हुए थे। उनके मालिकों का पता लगा लिया गया है और उनमें से एक दोपहिया वाहन रोहित माने का है, जिसकी मौत हो गई।
करीब 15 से 20 हजार नागरिकों का संपर्क टूटा, 14 किलोमीटर का चक्कर लगाने को मजबूर
हादसे के बाद लोगों के चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय होटल व्यवसायी सागर भेगड़े अपने होटल के कर्मचारियों के साथ पुल की ओर दौड़े। पुल ढहने से कई लोग फंस गए थे, कुछ बह रहे थे। सागर भेगड़े ने तुरंत पानी में उतरकर बह रहे पर्यटकों को बाहर निकाला। पुल के दोनों ओर लगाए गए लोहे की जाली फंसें लोगों को । भेगड़े और उनके साथियों ने बाहर निकाला। पुल ढहने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बेगडेवाड़ी स्टेशन पर आने वाले शेलारवाड़ी, देहूगांव, कुंडमाला, सांगुर्डी, इंदौरी, कन्हेवाड़ी, येलावाड़ी, सुदावाड़ी क्षेत्रों के करीब 15 से 20 हजार नागरिकों का संपर्क टूट गया है। विद्यार्थियों, दूध विक्रेताओं, फूल विक्रेताओं, किसानों को पिंपरी-चिंचवड़ और पुणे शहर तक पहुंचने के लिए इंदौरी से तलेगांव दाभाड़े होते हुए 14 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। शेलारवाड़ी स्थित रक्षा बल डिपो से दूसरी ओर जाने के लिए इंद्रायणी नदी पर नया पुल बनाने के लिए सरकार ने 11 जुलाई 2024 को 8 करोड़ रुपए की निधि स्वीकृत की है। पुल का काम 10 जून 2025 को शुरू करने का आदेश दिया गया है। अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने कहा कि मानसून के दौरान काम करना संभव नहीं होगा।
पुल यातायात के लिए बंद, बावजूद पर्यटक इस्तेमाल करते थे
ध्वस्त पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। इस संबंध में पुल के शुरू में एक साइन बोर्ड भी लगाया गया है। इसके बावजूद नागरिक इस पुल का इस्तेमाल यातायात के लिए कर रहे थे। यह पुल, जो केवल पैदल यात्रियों के लिए था, का इस्तेमाल वाहनों के परिवहन के लिए भी किया जाता था। पुल का इस्तेमाल खतरनाक तरीके से किया जा रहा था। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि एक जगह नागरिकों की भारी भीड़ के कारण पुल ढह गया।
दो साल पहले पुल थोड़ा झुका हुआ था। जिससे यह कमजोर हो गया। रविवार को पुल पर दोपहिया वाहनों के लिए जगह नहीं दी गई। पुल पर एक तरफ से अधिक लोड था। इस कारण पुल ढह गया। इस पुल के ढहने से किसान, फूल विक्रेता, दूध विक्रेता और विद्यार्थियों को नुकसान होगा। अब यहां के नागरिकों को तलेगांव दाभाड़े से कन्हेवाड़ी, इंदौरी होते हुए चक्कर लगाना पड़ेगा। इसलिए नए पुल का काम तुरंत शुरू होना चाहिए।"
रूपाली तांबे, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, रोटरी क्लब ऑफ पिंपरी एलीट ने कहा कि कुंडमला में लोहे के पुल से कई लोग नदी में गिर जाते हैं। उन्हें बचाने के लिए पिंपरी एलीट के रोटरी क्लब ने स्थानीय युवाओं को सुरक्षा उपकरण प्रदान किए। इन सामग्रियों को पहुंचाने के बाद लोहे के पुल पर जाली लगाने की जरूरत महसूस हुई। फिर स्थानीय लोगों की मांग के अनुसार हमने लोहे की जाली लगाई। इस पर करीब एक लाख रुपए खर्च हुए। कल जाली ने कई लोगों की जान बचाई।
Created On :   16 Jun 2025 9:41 PM IST