- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिवनी
- /
- किरकिरी के बाद भी जुआफड़ों पर लगाम...
Seoni News: किरकिरी के बाद भी जुआफड़ों पर लगाम नहीं

Seoni News: कटनी व सतना से महाराष्ट्र के नागपुर व जालना ले जाए जा रहे हवाला के 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए की डकैती और बालाघाट के कोतवाली थाना के मालखाने से 55 लाख रुपए नकद व लगभग 14 लाख के जेवरात उड़ाए जाने के मामले ने सिवनी पुलिस की जमकर किरकिरी की है। इसके बावजूद पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। जेल भेजे गए मालखाना प्रभारी प्रधान आरक्षक राजीव पंद्रे ने पूछताछ में उगला था कि मालखाना के 13 लाख रुपए वह सिवनी में जुआ खेलकर हारा था।
इससे सिवनी कोतवाली पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए थे, क्योंकि कोतवाली थाना क्षेत्र में ही जुआफड़ संचालित हो रही थी, जहां पंद्रे पैसे हारा था। इतना सब होने के बावजूद सिवनी सहित जिले में जगह-जगह जुआफड़ों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। जुआ खेलने वालों की महफिल सज रहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार भोमा, कान्हीवाड़ा, खवासा, अरी, बरघाट, डूंडासिवनी क्षेत्र में जुआफड़ें अब भी आबाद हो रही हैं। बताया जा रहा कि डूंडासिवनी थाना क्षेत्र के समृद्धि लान के पीछे सप्ताह के दो से तीन दिन रात के समय जुआरी जुट रहे हैं। कुरई थाना क्षेत्र के खवासा, मेटेवानी के जंगल में डूंडासिवनी थाना क्षेत्र का एक जुआ फड़बाज पत्ते पिटवा रहा है। महाराष्ट्र बार्डर से लगे जंगल में भी सिवनी सहित दूर-दूर के जुआरी जुट रहे हैं। इसी तरह बताया जा रहा कि सिवनी का ही एक जुआ फड़बाज भोमा के पास एक गांव में जुआ खिलवा रहा है।
अरी थाना क्षेत्र अंतर्गत जंगल के भीतर, बरघाट थाना क्षेत्र, कान्हीवाड़ा थाना क्षेत्र, धूमा व लखनादौन थाना क्षेत्र की सीमा में जुआ फड़ सज रही हैं। सूत्रों के अनुसार थानों में तैनात पुलिस कर्मियों को कहां-कहां जुआ खिलाया जा रहा है, इसकी पूरी जानकारी रहती है, लेकिन सेटिंग के चलते बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जाता। वरिष्ठ पुलिस अफसर भी नकेल कसने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं और जुआफड़ों पर कार्रवाई से परहेज किया जा रहा है।
फड़बाजों के टावर का सिस्टम भी पुलिस को पता
जगह-जगह सज रहीं जुआफड़ को लेकर सूत्र बताते हैं कि पूरा खेल टावर लगाकर संचालित किया जा रहा है। जुआ फड़बाज अपने आदमी लगाकर रखते हैं और पुलिस के पहुंचने के पहले ही फड़ तक सूचना पहुंच जाती है। इन्हीं आदमियों को टावर कहा जाता है। ये थाना प्रभारी की मूवमेंट पर भी नजर गड़ाए रखते हैं कि उनका वाहन किस ओर रवाना हुआ है। बताया जा रहा कि टावर का काम किसे सौंपा गया है यह जानकारी तक सेटिंगबाज पुलिस कर्मियों को रहती है।
Created On :   7 Nov 2025 1:41 PM IST












