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Seoni News: पड़ताल- केवलारी तहसील में हुए 11 करोड़ से ज्यादा राहत राशि घोटाले का मामला

- वित्त विभाग की टीम ने अपनी जांच में कुल गबन 11 करोड़ 26 लाख का बताया है।
- सवालों के घेरे में वित्त विभाग की जांच
- ओलावृष्टि का 25 हजार वाजिब मुआवजा पाने वाले 3 किसान व दो माह के प्रभारी तहसीलदार को भी बना दिया घोटाले का दोषी
Seoni News: 279 मनगढ़ंत लोगों को मृत बताकर केवलारी तहसील में राहत राशि के नाम पर किए गए 11 करोड़ रुपए से भी ज्यादा के घोटाले के मामले की जांच कर पिछले माह ही अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली संभागीय संचालक वित्त जबलपुर की 7 सदस्यीय टीम ने घोटाले की केवलारी थाना में 15 नवंबर 2022 को एफआईआर कराने वाले तत्कालीन तहसीलदार हरीश लालवानी के साथ ही कुल 45 लोगों को दोषी बताया है।
इनमें तत्कालीन एसडीएम अमित ब्रम्हरोलिया, तत्कालीन तहसीलदार गौरीशंकर शर्मा, तत्कालीन तहसीलदार मोहम्मद सिराज और 2 माह के लिए तहसीलदार के प्रभार पर रहे नायब तहसीलदार शेख इमरान मंसूरी सहित वे लोग शामिल हैं, जिनके खाते में घोटाले की राशि पहुंचाई गई। वहीं, इस मामले की जांच कर रही केवलारी पुलिस ने 37 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। पुलिस घोटाले के सरगना केवलारी तहसील में पदस्थ रहे बाबू सचिन दहायत सहित 21 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 16 आरोपी फरार हैं।
इस घोटाले की पुलिस व वित्त विभाग की जांच में अंतर यह सामने आया है कि पुलिस की जांच में एसडीएम, तहसीलदार अब तक दोषी नहीं माने गए हैं, जबकि वित्त विभाग की जांच में एक तत्कालीन एसडीएम, तीन तत्कालीन तहसीलदार व एक तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार को जिम्मेदार माना गया है। वित्त विभाग की जांच की पड़ताल में उजागर हुआ है कि जांच टीम ने दस्तावेजों का मिलान ही नहीं किया।
इसका उल्लेख टीम ने जांच रिपोर्ट में खुद ही किया है। इससे जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इतना ही नहीं सहायक संचालक हेमकरण परस्ते के नेतृत्व में हुई जांच टीम में शामिल पंकज पटेरिया, अशोक सिंह, संजय पाल, कुंवर सिंह बैस, आकाश तिवारी व अभिषेक राय की टीम ने जो जांच रिपोर्ट सौंपी है, उसमें वर्ष 2023 में हुई ओलावृष्टि से फसल क्षति का 25 हजार रुपए मुआवजा पाने वाले मोहगांव के तीन किसानों व उनके नुकसानी के प्रकरण स्वीकृत करने वाले तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार शेख इमरान मंसूरी को भी घोटाले का दोषी बता दिया है।
केवलारी तहसील कार्यालय में ओलावृष्टि के राहत प्रकरण के दस्तावेज, भुगतान, कैशबुक व बिलबुक मौजूद हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से वित्त विभाग की टीम ने दस्तावेज देखे ही नहीं। जांच रिपोर्ट में दस्तावेज न देखे जाने का उल्लेख भी किया गया है।
एक खाते में दो भुगतान को माना गबन
जानकारी के अनुसार केवलारी तहसील के ग्राम मोहगांव में आकाशीय बिजली गिरने से जून 2018 में 6 लोगों की मौत हुई थी। बिजली की चपेट में आने से बेटी विनीता की मौत पर किसान राधेलाल सैय्याम को 4 लाख मिली थी। वहीं बेटी सावित्री की मौत पर जीवनलाल सैय्याम को 4 लाख रुपए राहत राशि प्रदान की गई थी। वर्ष 2020 में मोहगांव के ही बलराम जंघेला को बेटी खुश्बू की पानी में डूबकर मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए राहत राशि के रूप में मिले थे। तीनों किसानों को उक्त राशि उनके खाते में जारी की गई थी। इसी तरह वर्ष 2023 में ओलावृष्टि से ग्राम मोहगांव में भी फसल क्षति हुई थी।
नुकसानी के सर्वे के बाद राधेलाल को 11 हजार 2 सौ रुपए, बलराम को 5 हजार रुपए तथा जीवनलाल को 8 हजार 8 सौ रुपए मुआवजा प्रदान किया गया था। उक्त राशि तीनों के बैंक खातों में जारी की गई थी। राधेलाल के खाते में 29 अप्रैल 23 तथा बलराम व जीवनलाल के खाते में 10 मई 23 को उक्त राशि जारी की गई। वित्त विभाग की जांच टीम ने उक्त किसानों को जारी राशि के संबंध में दस्तावेजों की जांच किए बगैर कोषालयीन सॉफ्टवेयर से दो बार खाते में पैसे डाले जाने को आधार बनाकर दोषी करार दे दिया, जबकि दोनों बार किसानों को नियमों के तहत राहत राशि उनके खाते में जारी की गई थी।
प्रभारी तहसीलदार ऐसे घिरे
ओलावृष्टि से नुकसानी का तीनों किसानों को कुल 25 हजार मुआवजा मिला था। सर्वे, पटवारी रिपोर्ट आदि प्रक्रिया के बाद तीनों के प्रकरण अप्रैल-मई 23 में दो माह के लिए तहसीलदार के पद पर प्रभार पर रहे तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार शेख इमरान मंसूरी ने स्वीकृत किए थे। तहसील कार्यालय में ओलावृष्टि के उक्त राहत प्रकरण के दस्तावेज, भुगतान, कैशबुक व बिलबुक मौजूद हैं, लेकिन वित्त विभाग की जांच टीम ने उन्हें देखे बिना ही प्रभारी तहसीलदार रहे मंसूरी को भी गबन का दोषी बना दिया।
जांच रिपोर्ट में राशि भी 25 हजार की जगह 18 हजार 800 रुपए बताई गई है। वहीं मंसूरी (मूल पद नायब तहसीलदार) की केवलारी तहसील में पदस्थापना 2016 से जांच रिपोर्ट में बताई गई है, जबकि वे उस समय कॉलेज के विद्यार्थी थे। नायब तहसीलदार बनने के बाद उनकी पहली नियुक्ति 2018 में बैतुल में हुई थी, जिसके अगले साल 2019 में केवलारी तहसील स्थानांतरण हुआ था। जांच रिपोर्ट में तत्कालीन तहसीलदार हरीश लालवानी को एक स्थान पर नायब तहसीलदार बताया गया है।
ऑनलाइन जनरेटेड बिलों से तैयार कर दी रिपोर्ट
वित्त विभाग की टीम ने अपनी जांच में कुल गबन 11 करोड़ 26 लाख का बताया है। जांच रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि उक्त राशि के देयक एवं स्वीकृतियों की नस्तियां कार्यालय द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण कोषालयीन सॉफ्टवेयर (आईएफएमआईएस मॉड्यूल्स) से जनरेटेड देयकों के प्रिंट से जांच की गई। इससे जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इनका कहना है
जून 2018 में आकाशीय बिजली गिरने से मृत हुए 6 लोगों में बेटी सावित्री भी शामिल थी। घटना के बाद सरकार ने 4 लाख रुपए राहत राशि दी थी। वर्ष 23 में ओलावृष्टि से फसल नुकसानी के 88 सौ रुपए खाते में आए थे। हमने कोई गलत काम नहीं किया है।
- जीवनलाल सैय्याम, किसान, मोहगांव
गाज गिरने से बेटी की मौत पर 4 लाख रुपए और ओलावृष्टि से फसल नुकसानी के 11 हजार 2 सौ रुपए खाते में आए थे। अब खाता होल्ड कर दिए हैं। इससे परेशानी हो रही है। गलत तरीके से दोषी बताया जा रहा है। सरकार ने ही राहत राशि प्रदान की थी।
- राधेलाल सैय्याम, किसान, मोहगांव
Created On :   21 May 2025 1:51 PM IST