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Seoni News: यूरिया का संकट, सरकारी गोदाम खाली, किसान चिंतित

- बढ़ रहा आक्रोश, यूरिया का दूसरा डोज नहीं दे पा रहे किसान, अधिकारी बोले जल्द होगी सप्लाई
- किसानों को मई माह से ही यूरिया का अग्रिम उठाव करने के लिए कहा गया था।
Seoni News: खरीफ सीजन में किसानों के सामने यूरिया का बड़ा संकट आ गया है। स्थिति यह है कि कई गोदामों में यूरिया नहीं है। ऐसे में किसानों को यूरिया नहीं मिलने से आक्रोश भडक़ रहा है। पिछले करीब एक हफ्ते से अचानक किसानों की मांग आ गई। स्थिति यह है कि किसान सोसायटियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। जो सरकारी स्टाक था वह भी लगभग खत्म हो गया। अब किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि वह फसलों में यूरिया कैसे देंगे। उनके अनुसार यूरिया नहीं मिला तो फसल खराब हो जाएगी या फिर फसल उत्पादन कम होगा।
दूसरे डोज के लिए बनी समस्या
किसानों को मई माह से ही यूरिया का अग्रिम उठाव करने के लिए कहा गया था। हालांकि अधिकांश किसानों ने यूरिया का उठाव कर लिया था। बोवनी के बाद किसानों ने पहला डोज डाल दिया था। अब दूसरे डोज के लिए किसानों के पास यूरिया उपलब्ध नहीं है। चूंकि दूसरा डोज 50 से 55 दिन के भीतर लगता है। किसानों के अनुसार उन्हें पहले ही यूरिया कम दी गई थी। जिले में 4.53 लाख हेक्टेयर में बोवनी की गई है। इसमें से सबसे ज्यादा मक्का और धान की फसल की बोवनी हुई है।
डबल लॉक पलारी में सन्नाटा
बरघाट रोड स्थित मार्कफेड के डबल लॉक सेंटर में बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा। यहां पर कर्मचारियों ने बताया कि मंगलवार से ही यूरिया का स्टाक खत्म हो गया। नया स्टाक आने पर ही यूरिया वितरण होगा। इससे पहले यहां पर बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ थी।
६१ हजार एमटी का था स्टाक
कृषि विभाग के अनुसार जिले में ६१ हजार मीट्रिक टन यूरिया का स्टाक था। इसमें से ९५ प्रतिशत यूरिया पहले ही बंट गया है। कई जगह के गोदाम खाली हो गए हैं। यहां तक की डबल लॉक में भी नहीं है। विभाग के ऑनलाइन डेटा में ८२०० एमटी यूरिया का स्टाक बता रहा है। हालांकि कृषि विभाग पहले ही किसानों को नैनो यूरिया के उपयेाग की सलाह देता आ रहा है। विभाग के अनुसार कई किसान अधिक मात्रा में यूरिया का उपयोग करते हैं। जबकि यूरिया का वितरण समय-समय पर किया जाता है। जिले में कई जगह यूरिया भी ब्लैक में बिक गया है। इसका खुलासा भी हाल ही में कुरई क्षेत्र में सामने आ चुका है।
इनका कहना है
समय-समय पर यूरिया का वितरण किया जाता है। पहले डोज के लिए यूरिया दिया जा चुका है। अभी छिंदवाड़ा से ५७० एमटी यूरिया की सप्लाई हो रही है। जल्द ही यूरिया की रैक भी लगने वाली है, जो समस्या आ रही है वह दूर हो जाएगी। किसानों को नैनो यूरिया डालने की भी सलाह दी गई है।
एसके धुर्वे,डिप्टी डायरेक्टर,कृषि
किसानों ने बताई समस्या
पांच एकड़ में मक्का बोया है। पहली बार जो यूरिया मिला वह काफी कम था। अब यूरिया नहीं मिल रहा है। ऐसे में फसल बर्बाद हो जाएगी।
बब्लू बघेल, देवरी
यूरिया नहीं मिल रही है। कई बार सोसायटी के चक्कर काट चुका हूं। केवल आश्वासन मिल रहा है। अब कोई विकल्प भी नहीं रहा है।
सहसराम मरकाम, ढाना
पहले यूरिया कम मिली थी। अब तो मिलना ही बंद हो गई है। फसल तैयार है। यदि यूरिया नहीं मिली तो फसल बर्बाद हो जाएगी। कोई परेशानी सुनने को तैयार नहीं है।
पानसिंह उईके, छिंदग्वार
Created On :   17 July 2025 1:14 PM IST