शहडोल: करोड़ों का ‘सरकारी’ बिजली बिल बकाया

करोड़ों का ‘सरकारी’ बिजली बिल बकाया
  • ट्रायबल ने ही जमा नहीं कराया 3.98 करोड़, अन्य विभागों का भी यही हाल
  • आवासीय विद्यालय सहित कई स्कूलों के कनेक्शन काट दिए गए हैं।
  • बकाया बिलों की राशि के हर महीने पैनाल्टी भी बढ़ती जाती है

डिजिटल डेस्क,शहडोल। बिल जमा करने में नियत तारीख से एक दिन भी लेट होने पर आम उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाता है, वहीं अनेक ऐसे शासकीय विभाग हैं जिन पर हजार नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों रुपए का बिल बकाया है।

जहां कनेक्शन काटना तो दूर विभाग द्वारा महज पत्राचार ही किए जा रहे हैं। जिले में ट्रायबल विभाग के हॉस्टल एवं स्कूलों के ही 3.98 करोड़ रुपए से अधिक का बिजली बिल 2-3 वर्ष से जमा नहीं कराए गए हैं।

इसके अलावा पीएचई, पुलिस, ग्राम पंचायत, तहसील, विटनरी, हॉस्टिपल जैसे विभागों का लाखों का बिल बकाया है, जिसे जमा कराने में विभाग प्रमुखों द्वारा बजट का रोना रोया जाता है।

किस ऑफिस का कितना बकाया

>> ट्रायबल (हॉस्टल-स्कूल) - 3.98 करोड़

>> पीएचई (नल-जल योजना) - 2.25 करोड़

>> पुलिस विभाग - 37.24 लाख

>> ग्राम पंचायत भवन - 15 लाख

>> सभी तहसील कार्यालय - 6 लाख

>> पशु चिकित्सा विभाग - 10.13 लाख

>> सामुदायिक व प्राथमिक अस्पताल- 65.79 लाख

>> कन्या शिक्षा परिसर लालपुर - 18.51 लाख

>> कन्या शिक्षा परिसर कंचनपुर - 21.34 लाख

>> कन्या शिक्षा परिसर कटकोना - 18.91 लाख

(आंकड़े विद्युत विभाग के अनुसार, कुछ के जमा हो रहे हैं)

पैनाल्टी का भी बढ़ रहा बोझ

शासकीय विभागों में बिजली बिलों के भुगतान को लेकर लापरवाही बरती जाती है, यही कारण है कि बकाया की राशि हजारों से बढक़र लाखों-करोड़ों तक पहुंच जाती है। कहा जा रहा है कि अन्य प्रकार के बिलों का भुगतान जिनमें प्रमुखों का हित समाहित रहता है वे तुरंत पारित करा लिए जाते हैं, लेकिन बिजली बिल को लेकर सुस्ती दिखाई जाती है।

बकाया बिलों की राशि के हर महीने पैनाल्टी भी बढ़ती जाती है, जिससे शासन को राजस्व की क्षति होती है। ट्रायबल विभाग पर ही हर माह 50 हजार का अधिभार बढ़ रहा है।

ज्यादा परेशानी स्कूलों के सामने

बिजली बिल का समय पर भुगतान नहीं होने का सबसे ज्यादा खामियाजा प्रायमरी व मिडिल स्कूलों को भुगतना पड़ रहा है। अनेक स्कूलों का 4-5 साल से बिल जमा नहीं कराया गया, जिसके कारण वार्ड नंबर एक आवासीय विद्यालय सहित कई स्कूलों के कनेक्शन काट दिए गए हैं।

जबकि शासन के निर्देशानुसार शैक्षिक संस्थाओं के कनेक्शन काटना प्रतिबंधित है। जिले के एक मात्र एजुकेशन ब्लाक ब्यौहारी के स्कूलों के बिल जमा हो रहे हैं लेकिन ट्रायबल विभाग के चारों ब्लाक सोहागपुर, गोहपारू, जयसिंहनगर व बुढ़ार के प्रायमरी-मिडिल स्कूलों के बिल जमा कराना टेढ़ी खीर साबित हो रहे हैं।

क्योंकि शिक्षा विभाग, डीपीसी व ट्रायबल का कहना है कि मिडिल-प्रायमरी के बिजली बिलों के लिए उनके पास कोई प्रावधान ही नहीं है। बताया जा रहा है कि ग्लोबल बजट के बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

- ट्रायबल विभाग के हायर व हाई स्कूलों के बिलों की राशि एसएमडीसी के खातों में भेजी जा चुकी है। हॉस्टलों का खुद का बजट आता है। प्रायमरी-मिडिल स्कूलों के संबंध में पत्राचार किए जा रहे हैं।

आनंद राय सिन्हा, सहायक आयुक्त ट्रायबल

- शासकीय विभागों के बकाया बिलों को लेकर लगातार पत्राचार किए जाने के साथ संपर्क भी किए जा रहे है। स्कूलों व हॉस्टल के कनेक्शन नहीं काटे जा रहे हैं।

दिनेश तिवारी

कार्यपालन यंत्री एमपीईबी

Created On :   22 March 2024 1:22 PM GMT

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