मान्यता नहीं फिर भी छात्रों को प्रवेश दे रहे नर्सिंग कॉलेज, खुद के भवन का भी अभाव

मान्यता नहीं फिर भी छात्रों को प्रवेश दे रहे नर्सिंग कॉलेज, खुद के भवन का भी अभाव
हाई कोर्ट के निर्देश पर संंस्थानों की पड़ताल करने पहुंची सीबीआई व नर्सिंग कौंसिल की टीम

डिजिटल डेस्क,शहडोल।

नर्सिंग कॉलेजों का संचालन निर्धारित मापदण्डों के अनुसार हो रहा है या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन करने के लिए जिले में भी सीबीआई व मप्र नर्सिंग कौंसिल की संयुक्त टीम पड़ताल करने पहुंची है। जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों में टीम ने शहर में संचालित रावतपुरा नर्सिंग कॉलेज, विन्ध्या एवं पंचशील संस्थानों की जांच कर चुकी है। बताया जा रहा है कि टीम द्वारा प्रत्येक संस्थानों का हर तरीके से परीक्षण करेगी। हाई कोर्ट के निर्देश एवं टीमों द्वारा किए जा रहे परीक्षण के बीच यह बात सामने आ रही है कि जिले में वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक किसी भी कॉलेज को मान्यता प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन अनेक संस्थानों द्वारा छात्रों को एडमीशन दिए जा रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि सभी संस्थानों के पास खुद के भवन तक नहीं हैं, जो किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। मध्य प्रदेश नर्सिंग काऊंसिल के तय मानको में स्वयं का भवन, सुविधायुक्त कमरे, विद्यार्थियों के लिए लैब तथा वाहन की सुविधाएं होना अनिवार्य बताया गया है।

इसलिए नहीं मिली मान्यता

गौरतलब है कि प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के संचालन में अनेक प्रकार की अनियतताएं सामने आन के बाद हाई कोर्ट द्वारा प्रत्येक संस्थानों की भौतिक स्थिति व अन्य प्रकार के मापण्डों की पड़ताल के निर्देश दिए गए थे। न्यायालय द्वारा जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद ही मान्यता संबंधी दिशा निर्देश कौंसिल को दिए जाएंगे। यही कारण है कि वर्ष 2022-23 में भी शहडोल जिले में मात्र दो संस्थानों शिवानी व राधारानी कॉलेज को मान्यता मिली थी। इस वर्ष किसी को मान्यता नहीं है, क्योंकि प्रकरण कोर्ट में है। संस्थानों में गड़बड़ी सामने आने के बाद नर्सिंग कौंसिल द्वारा सभी से आवश्यक सुधार के साथ अभ्यावेदन मांगे गए थे, जवाब दिए गए लेकिन चूंंकि अब प्रकरण कोर्ट में इसलिए मान्यता संबंधी निर्णय कोर्ट के निर्णय के बाद ही हो सकेगा।

किराए के भवन में चल रहे अनेक संस्थान

शहर में 12 से अधिक की संख्या में नर्सिंग कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से कुछ को छोडक़र किसी के पास खुद के भवन तक नहीं है। किराए के मकानों में संचालन किया जा रहा है। प्रावधान के अनुसार संस्थान शुरु होने के तीन वर्ष में कॉलेज का संचालन स्वयं के भवन में होने चाहिए साथ ही वाहन की सुविधा भी होनी चाहिए। जिले में भी तय मापदण्डों का पालन नहीं करने की बातें सामने आने के बाद टीम निरीक्षण पर निकली है।

Created On :   22 Jun 2023 9:38 AM GMT

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