शहडोल: रेत माफिया द्वारा एएसआई की हत्या के बाद पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल

रेत माफिया द्वारा एएसआई की हत्या के बाद पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल
  • एसजीएल ने कहा - हमारे खिलाफ षडय़ंत्र रचा जा रहा
  • भाजपा विधायक ने कहा, बिना वर्दी व सुरक्षा के वहां गए ही क्यों
  • जिले में लगातार हो रही रेत की चोरी और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लेकर राजनीति भी गरमा गई

डिजिटल डेस्क,शहडोल। रेत माफिया द्वारा एएसआई महेंद्र बागरी की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या किए जाने के बाद पुलिस-प्रशासन की जवाबी कार्यवाहियों पर सवाल उठने लगे हैं। रविवार को दिन में व रात में खनिज विभाग की टीम द्वारा पोड़ीकला और रात में बोड्डिहा खदान में की गई कार्रवाई के बीच ब्यौहारी पुलिस ने भी रेत से लोड डंपरों पर कार्रवाई की।

इस कार्रवाई के दौरान उसके द्वारा हाइवा/ट्रक क्रमांक एमपी 19 जेडएफ 8119 में बिना टीपी के रेत परिवहन किया जाना बताते हुए जिले की रेत ठेका कंपनी एसजीएल (सहकार ग्लोबल लिमिटेड) के जीएम सहित दो अन्य पर सोमवार रात एफआईआर दर्ज करा दी।

पुलिस की इस कार्रवाई को एसजीएल ने कंपनी के खिलाफ षडय़ंत्र बताते हुए कहा कि पुलिस ने जिस वाहन को बिना टीपी बताते हुए कंपनी प्रबंधन पर एफआईआर की है, उसकी बकायदा टीपी जारी हुई है।

इधर भाजपा नेता तथा ब्यौहारी नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्ण राजन गुप्ता के बाद भाजपा के ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने भी पुलिस व प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए सवाल पूछा है कि ‘बिना वर्दी व सुरक्षा के उसके लोग वहां गए ही क्यों थे?

एफआईआर के बाद दिन भर गरमाया रहा माहौल-

रेत की चोरी के मामले को लेकर ब्यौहारी पुलिस द्वारा सोमवार रात एसजीएल के जीएम उत्तम शर्मा सहित ट्रक चालक गोविंद प्रजापति (सतना) और वाहन मालिक पीयूष सिंह बघेल के विरूद्ध धारा 379, 414 आईपीसी व 4,21 खनिज अधिनियम के तहत एफआईआर किए जाने के बाद मंगलवार को दिन माहौल गरमाया रहा।

ब्यौहारी पुलिस अपने इस दावे पर अडिग है कि, 5 मई को पोड़ी तिराहा पर वाहन चैकिंग के दौरान हाइवा/ट्रक क्रमांक एमपी 19 जेडएफ 8119 में बिना टीपी के रेत परिवहन किया जाना पाया गया था और इसी आधार पर रेत ठेका कंपनी के जीएम सहित अन्य 2 पर मामला दर्ज हुआ है। यह अलग बात है कि पुलिस एफआईआर के 24 घंटे बाद में इन तीन में से किसी एक को भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

कंपनी के एजीएम ने टीपी सामने रखी -

पुलिस के इस दावे और एफआईआर की कार्रवाई को कंपनी के खिलाफ षडय़ंत्र बताते हुए एसजीएल के एजीएम चेतन चतुर्वेदी ने कहा कि जिस वाहन को बिना टीपी बताते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है उस वाहन को पोड़ी खदान से टीपी के साथ रवाना किया गया था। उन्होंने मीडिया के समक्ष उक्त टीपी भी पेश की और कहा कि पुलिस ने तथ्यों को दरकिनार पर एफआईआर दर्ज की है।

टीपी की सत्यता की पुष्टि जिला खनिज अधिकारी देवेन्द्र पटले ने भी की है। इधर कंपनी प्रबंधन द्वारा टीपी पेश किए जाने के बाद ब्यौहारी के प्रभारी टीआई मोहन पड़वार ने कहा कि टीपी में पाइंट टू पाइंट पहुंचने 2 घंटे की अवधि का उल्लेख है और जब पुलिस ने रेत से भरा उक्त वाहन पकड़ा तब टीपी में उल्लेखित अवधि बीत चुकी थी। यह बात दीगर है कि इसे लेकर पुलिस महकमे द्वारा जो प्रेस रिलीज जारी की उसमें समयावधि से जुड़ी किसी बात का उल्लेख नहीं था। उसमें बिना टीपी रेत के परिवहन और उसे लेकर एफआईआर का उल्लेख है।

रेत की चोरी और पुलिस की कार्रवाई को लेकर गरमाई राजनीति-

जिले में लगातार हो रही रेत की चोरी और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। ब्यौहारी नगर परिषद के अध्यक्ष कृष्ण राजन गुप्ता पहले ही पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल खंगालने और इससे कई राज सामने आने की बात कह चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि दादू, लाला, अहमद व मणि के इशारे पर क्या-क्या हुआ इसकी भी जांच होनी चाहिए।

भाजपा के ब्यौहारी विधायक शरद कोल ने भी कहा है कि पुलिस और प्रशासन की गलतियों के कारण क्षेत्र में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिना सुरक्षा, बिना वर्दी वहां क्यों गए? प्रशासन और पुलिस को मामले की निष्पक्षता से जांच किए जाने की बात भी कही।

इस बीच गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी मंगलवार को राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए रेत की अवैध खदानों का संचालन विधायक के संरक्षण में एसजीएल द्वारा संचालित किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में प्रशासन अगर निष्पक्षता से जांच नहीं करेगा तो हम ऊपर अपनी बात रखेंगे।

Created On :   8 May 2024 12:20 PM GMT

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