Shahdol News: मनरेगा में 14 माह से अटकी मटेरियल की राशि ने बढ़ाई सरपंचों की परेशानी

मनरेगा में 14 माह से अटकी मटेरियल की राशि ने बढ़ाई सरपंचों की परेशानी
  • तकादे को पहुंचते हैं सप्लायर्स तो बच्चों से पर घर पर नहीं होने की दिलवाते हैं सूचना
  • मध्यप्रदेश के सभी जिलों में बकाया राशि का आंकड़ा एक हजार 48 करोड़ रूपए से अधिक है।

Shahdol News: महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी एक्ट (मनरेगा) योजना में 14 माह से मटेरियल की राशि नहीं आने का सबसे ज्यादा खामियाजा सरपंचों को भुगतना पड़ रहा है। पहले भी यह योजना उधारी के भरोसे ही चलती थी, जिसमें सप्लायर्स को मटेरियल सप्लाई के पांच से छह माह में राशि मिल जाती थी।

ऐसा पहली बार हुआ कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूरे साल और वर्तमान वित्तीय वर्ष में दो माह मिलाकर 14 माह से मनरेगा में मटेरियल का बजट नहीं आया। मध्यप्रदेश के सभी जिलों में बकाया राशि का आंकड़ा एक हजार 48 करोड़ रूपए से अधिक है।

परेशानी की कहानी- आदिवासी सरपंचों की जुबानी

मनरेगा योजना से 6 माह पहले काम करवाया। मजदूरी तो आ गई पर मटेरियल के पैसे अब तक नहीं आए। पैसे आ जाते तो व्यापारी की उधारी चुका देते।

-रामराज कोल सरपंच सिरौंजा

मटेरियल का पैसा नहीं आने के बाद दुकानदार के तगादे से परेशान हैं। कई बार तो घर पर रहने के दौरान भी दरवाजा नहीं खोलते। ऐसा अच्छा भी नहीं लगता पर क्या करें।

-द्विइजी बाई सरपंच खैरहा

मनरेगा में लघु तालाब का काम करवाया। डेढ़ लाख रूपए बकाया है। 6 माह हो गए तो व्यापारी यही कहते हैं कि उन्हें उनका पैसा चाहिए।

-राजकुमारी बैगा सरपंच बहगढ़

योजना से अमृत सरोवर का काम करवाया था। इसमें 4 लाख रूपए का भुगतान रूका है। व्यापारी पटना के नारायण सिंह हैं। उनक सीधा कहना है कि आखिर कितने दिन की उधारी चले। कैसे भी हो पैसा चाहिए।

-बिहारी बैगा सरपंच ग्राम धनौरा

Created On :   6 Jun 2025 2:13 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story