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Shahdol News: मूवमेंट का लगाएंगे पूर्वानुमान विषाक्तता से मौतें रोकने पर ध्यान

- बांधवगढ़ में 10 जंगली हाथियों की मौत : 7 माह बाद मंथन
- जंगली हाथियों का पूरा समय जंगल में ही बीते इसके लिए उनके आहार का इंतजाम किया जाएगा।
- जंगली हाथियों के मूवमेंट के बाद यहां हाथी-मानव द्वंद्व भी बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
Shahdol News: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 29 से 31 अक्टूबर 2024 के बीच 10 जंगली हाथियों की मौत कथित तौर पर कोदो खाने से हो जाने के 7 माह बाद अधिकारी जुटे और मंथन इस बात पर हुई कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आगे क्या इंतजाम किए जाएं। शहडोल संभाग के तीनों जिलों में एक सैकड़ा से ज्यादा जंगली हाथियों के मूवमेंट के बाद यहां हाथी-मानव द्वंद्व भी बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
हाथियों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए गुरूवार को संभाग मुख्यालय शहडोल में कमिश्नर सुरभि गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ। इसमें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के साथ ही शहडोल, अनूपपुर और उमरिया के कलेक्टर सहित वन विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में हाथियों के मूवमेंट का पूर्वानुमान लगाकर आगे पडऩे वाले गांव में ग्रामीणों सूचना देने के साथ ही उनके पेयजल स्थान व भोजन के कारण विषाक्तता नहीं फैले इस पर ध्यान दिया जाएगा। बैठक में शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, कटनी, सतना तथा सीधी जिलों के विभिन्न विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
हाथियों की सुरक्षा के लिए 10 महत्वपूर्ण बातें
>> जंगली हाथियों का पूरा समय जंगल में ही बीते इसके लिए उनके आहार का इंतजाम किया जाएगा। इसमें हाथियों के पसंदीदा घास व वनस्पतियों का रोपण किया जाएगा। करौदा, लेबन ग्रास, कैक्टस व अन्य कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
>> जंगली हाथी जंगल के अंदर ही पानी पीएं और पानी के लिए आबादी की ओर नहीं जाएं इसका इंतजाम होगा। उनके पानी किसी भी प्रकार से नुकसानदायक तत्व नहीं हो इसका अध्ययन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के अधिकारी करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे।
>> अक्टूबर 2024 में 10 जंगली हाथियों की मौत कोदो खाने से होना बताया गया। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति भविष्य में नहीं हो इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी फसलों का परीक्षण करेंगे। जंगल के आसपास बसे गांव में किसानों को बताएंगे कि वे फसल उत्पादन के दौरान रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करें। इसके लिए इन गांव में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। समय-समय पर फसल के नमूने लेकर जांच होगी कि खाने से कहीं वन्यप्राणियों को तो नुकसान नहीं होगा।
>> पशुपालन विभाग के डॉक्टर और वन्यप्राणी चिकित्सक विशेषज्ञों की सलाह से इमरजेंसी में इलाज के लिए जरूरी इंतजाम का खाका तैयार करेंगे। ऐसा इसलिए करेंगे क्योंकि 29 अक्टूबर हाथियों की मौतों के साथ ही घायल होने की सूचना मिली तो चिकित्सकों को यही नहीं पता था कि किन दवाओं से इलाज करना है और उसकी डोज क्या होगी।
>> कई रास्ते ऐसे हैं जहां वन्यप्राणियों का मूवमेंट बना रहता है। इन स्थानों पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सूचना बोर्ड लगाई जाएगी।
>> ऐसे स्थान जहां वन्यप्राणियों का मूवमेंट बना रहता है और बिजली तार की ऊंचाई कम है तो ऊंचाई बढ़ाई जाए। संभव होने पर प्लास्टिक कोडेट तार का उपयोग किया जाए।
सुझाव : > बिजली विभाग ने जिस वनक्षेत्र में पहले लाइन बिछाई है, वहां दोबारा काम करने के लिए अलग से अनुमति की जरूरत नहीं है। वन क्षेत्रों में एन्सुलेटेड विद्युत वायर का उपयोग करने के साथ ही बिजली के नंगे तार बिछाकर वन्य जीवों के शिकार पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है।
प्रभावित गांवो में सूचना प्रणाली मजबूत करने के लिए स्थानीय लोगों के समूह तैयार करने से मदद मिलेगी। खुले कुओं में गिरकर वन्यप्राणी जान गंवाते हैं, ऐसे कुओं की पहचान कर मुडेर बनाया जाना चाहिए।
> बीटीआर के डीडी पीके वर्मा ने कहा- हाथियों के व्यवहार का अध्ययन करने के लिए रेडियो कॉलर लगाया गया है। इसके परिणाम बेहतर मिलेंगे।
> उमरिया डीएफओ विवेक पांडेय के अनुसार वनक्षेत्रों से गुजरने वाली रेल विद्युत लाइन की ऊंचाई बढ़ानी चाहिए, पासिंग मार्ग पर सेंसर जरुरी।
सख्त निर्देश
हम सब शासकीय सेवक हैं और जन सेवा ही हम सब का लक्ष्य है। अधिकारी संवेदनशीलता से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। वन्य जीवों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं का अध्ययन कर आवश्यक दवाओं तथा किट की व्यवस्था रखी जाए। पशु चिकित्सा विभाग के अमले को वन्य जीवों की चिकित्सा की ट्रेनिंग दें। नागरिकों को सुरक्षात्मक उपाय अपनाने जागरूक करें।
सुरभि गुप्ता कमिश्नर शहडोल
हाथियों के मूवमेंट का पूर्वानुमान लगाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हाथियों के विचरण की सूचना देने के लिए अलार्म सिस्टम। आबादी के दूर करने मिर्ची की धुंआ, सोलर फैंसिग जैसी गतिविधियां अपनाई जा रही है।
अनुपम सहाय फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
हाथी-मानव अंतद्र्वंद्व रोकने शासकीय अमले व ग्रामीणों के मध्य समन्वय आवश्यक है।
अजय कुमार पांडेय सीसीएफ शहडोल
कलेक्टरों के सुझाव
दुर्घटना के बाद लोगो को नुकसान पर राहत राशि शीघ्र प्रदान करने हेतु वन, राजस्व एवं कृषि विभाग के संयुक्त टीम से निरीक्षण कराकर शीघ्र प्रतिवेदन मिलने पर राशि का वितरण समय पर किया जा सकता है।
डॉ. केदार सिंह कलेक्टर शहडोल
हाथी प्रभावित गांव में कंट्रोल रूम तथा शीघ्र कम्यूनिकेशन सिस्टम तैयार कर मदद पहुंचाई जा सकती है।
धरर्णेंद्र जैन कलेक्टर उमरिया
तकनीकी सहायता के लिए एप बेस मॉनीटरिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए।
हर्षल पंचोली कलेक्टर अनूपपुर
Created On :   21 Jun 2025 1:36 PM IST