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भर्रेशाही: ओपेन कैप में खराब हो रहा हजारों क्विंटल गेहूं, तीन माह में उठाव का नियम, तीन साल तक रखे होने से बने हालात
- ओपेन कैप में खराब हो रहा हजारों क्विंटल गेहूं
- तीन माह में उठाव का नियम
- तीन साल तक रखे होने से बने हालात
डिजिटल डेस्क, शहडोल। देश भर में गेहूंं की बन रही कमी और बढ़ रहे आटा के दामों के बीच जिले में गेहूं के रखरखाव में बड़ी लापरवाही सामने आई है। दो ओपेन कैपों में रखा हजारों क्विंटल गेहूं बर्बाद हो चुका है। इसके लिए नागरिक आपूर्ति निगम की लापरवाही को जिम्मेदार कहा जा रहा है। क्योंकि भंडारण के बाद अनाज के वितरण व उठाव नान को ही कराना होता है। लेकिन उसके द्वारा समय पर इसका ध्यान नहीं रखा गया, जिसके कारण जयसिंहनगर के जरउखरा एवं ढोलर के ओपेन कैप में करीब 8 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं खराब हो चुका है।
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उठाव में देरी से हुआ गेहूं खराब- जानकारी के अनुसार वर्ष 2022, 23 व 24 में उपार्जित गेहूं जरउखरा व ढोलर ओपेन कैप में रखवाए गए थे। दोनों को मिलाकर 103 हजार क्विंटल गेहूं रखवाया गया था। नियमानुसार ओपेन केप से तीन माह में उठाव करा लिया जाना था। यह जिम्मेदारी नान की थी। लेकिन ढाई-तीन साल से गेहूं का उठाव नहीं किया गया। बरसात और तेज धूप के कारण ज्यादात गेहूं खराब हो चुका है। पिछले दिनों से उठाव शुरु कराया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि करीब आठ हजार क्विंटल गेहूं पूरी तरह खराब हो चुका है। वहीं कैप रखरखाव का ठेका गोग्रीन नाम कंपनी को मिला था, जो पहले ही ब्लैक लिस्टेड हो चुकी है। अब भरपाई कैसे होगी, कोई बताने तैयार नहीं है। हालांकि कहा जा रहा है कि उसी कंपनी से वसूली की जा सकती है।
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मांग के अनुरूप हो रहा उठाव- उठाव में देरी की वजह मांग नहीं होना बताया जा रहा है। नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक मधुर खर्द का कहना है कि गोदामों में तीन माह का स्टॉक इतना अधिक था कि ओपन कैप से उठाव की जरूरत ही नहीं पड़ी। अब दूसरे जिलों के लिए भेजने के निर्देश के बाद कैप से उठाव कराया जा रहा है। कुछ ही मात्रा में बचा स्टॉक बचा है। खराब होने की पुष्टि तभी हो पाएगी, जब पूरा उठाव हो जाएगा।
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Created On :   16 Jun 2024 5:03 PM IST