धोखाधड़ी: पिता की मौत के बाद भी पांच साल तक उठाया सेवानिवृत्ति वेतन, मामला दर्ज

पिता की मौत के बाद भी पांच साल तक उठाया सेवानिवृत्ति वेतन, मामला दर्ज
  • पुत्र सहित दो के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
  • पिता की मौत पांच साल पहले हुई
  • फिर भी उठाया सेवानिवृत्ति वेतन

डिजिटल डेस्क, वर्धा. पिता की मृत्यु होने के बावजूद भी पांच साल तक सेवानिवृत्ति वेतन उठाकर शासन के साथ धोखाधड़ी करने का मामला हिंगणघाट पुलिस थानांतर्गत सामने आया है। इस मामले में पुत्र सहित अन्य एक आरोपी के खिलाफ हिंगणघाट पंचायत समिति के सहायक प्रशासन अधिकारी नीलिमा नरेश उगेमुगे की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। 23 जनवरी को इस संदर्भ में पंस के सहायक प्रशासन अधिकारी ने शिकायत की है।

उनकी शिकायत के अनुसार हिंगणघाट के रामनगर वार्ड निवासी हनुमान गोविंद पानबुड़े के पिता गोविंद पानबुडे शासकीय कर्मचारी थे। उनके पिता का सेवानिवृत्ति के पश्चात वर्ष 2018 में निधन हो गया। बावजूद इसके उन्होंने 7 फरवरी 2018 से 28 फरवरी 2023 के दौरान सेवानिवृत्ति वेतन उठाया। इसके लिए पंचायत समिति के दादाराव भोंडवे की मदद से जीवित होने का प्रमाणपत्र शासन को प्रस्तुत किया। साथ ही परस्पर खाता क्रमांक बदलकर पांच साल तक सेवानिवृत्ति की राशि उठाई। इस दौरान जांच में यह बात स्पष्ट होने से 23 जनवरी को सहायक प्रशासन अधिकारी नीलिमा उगेमुगे की शिकायत पर हनुमान गोविंद पानबुडे तथा दादाराव भोंडवे के खिलाफ भादंवि की धारा 409, 420, 468, 471,34 के तहत मामला दर्ज किया। आगे की जांच हिंगणघाट पुलिस कर रही है।

बाघ के हमले में किसान गंभीर

इसके अलावा किसान पर हमल का एक मामला सामने आया। फसलों की सुरक्षा के लिए रात के समय खेत जा रहे 65 वर्षीय किसान पर बाघ ने हमला कर दिया। घटना मंगलवार रात सेलू तहसील के बोर व्याघ्र प्रकल्प के कोर झोन क्षेत्र के गरमसुर परिसर में हुई। घायल का नाम शंकर माणिकराव वरठी (65) है। शंकर वरठी मंगलवार रात 9 बजे के दौरान गरमसुर स्थित अपने खेत में जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा लिए जा रहे थे। इस दौरान झाड़ियों में छिपे बाघ ने उनका पीछा कर उन पर हमला किया। उनके चीखने-चिल्लाने से आस-पास के लोग आने से बाघ जंगल की तरफ भाग गया। बता दें कि इसके पखवाड़े भर पूर्व रामाजी नागोसे की दोपहिया का पीछा कर बाघ ने उन्हें घायल कर दिया था। अब दूसरी घटना से ग्रामीणों में दहशत है। गरमसुर के पुनर्वसन की मांग वर्षों से की जा रही है। परंतु इस ओर लगातार अनदेखी किए जाने से अब ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ गई है।

Created On :   25 Jan 2024 1:46 PM GMT

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