- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- वर्धा
- /
- 16 साल से 12 लाख नहीं मिले, कुर्क...
Wardha News: 16 साल से 12 लाख नहीं मिले, कुर्क होते-होते बचा हिंगणघाट नप कार्यालय

Wardha News 2009 में अधिग्रहित की गई जमीन का 12 लाख रुपए का मुआवजा 16 साल बीतने के बाद भी न देने और अदालत के आदेश का पालन न करने पर हिंगणघाट नप कार्यालय मंगलवार को कुर्क होते-होेते बच गया। न्यायालय के आदेश पर पीड़ित महिला न्यायालय के बेलीफ की सहायता से जब्ती की कार्रवाई करने पहंुची थी, लेकिन मुख्याधिकारी प्रशांत उरकुडे ने पहल कर 5 लाख रुपए दिए और बकाया राशि मार्च 2026 तक देने का आश्वासन दिया। इस कारण नप कार्यालय पर जब्ती की कार्रवाई 11 नवंबर को टल गई।
यह भी पढ़े -आपदा प्रभावितों को 73 करोड़ 54 लाख रुपए की मदद, नागपुर- वर्धा- चंद्रपुर और हिंगोली के किसानों को मिल सकेगा लाभ
शहर निवासी सेवानिवृत्त पंस अधिकारी पुंडलिक भेंडे की पत्नी लीलाबाई भेंडे के नाम की चार एकड़ जमीन नगर परिषद प्रशासन ने आजंती गांव में बांध का निर्माण करने 2009 में अधिग्रहण की थी। तत्कालीन मुख्याधिकारी व नगराध्यक्ष ने मुआवजा नहीं देने के कारण महिला ने दीवानी न्यायालय का 2018 में दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने महिला के पक्ष में निर्णय देते हुए उन्हेंे 12 लाख 32 हजार 732 रुपए देने के आदेश दिए थे। आदेश का पालन न करने पर नगर परिषद की संपत्ति जब्त करने की बात भी आदेश में थी।
नगर परिषद ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया था। इसके कारण लीलाबाई भेंडे नामक महिला परिवार के सदस्य व न्यायालय के बेलीफ को लेकर नप की संपत्ति जब्त करने मंगलवार 11 नवंबर को कार्यालय पहंुची थी। न्यायालय का जब्ती का आदेश आने से नप प्रशासन में खलबली मच गई थी। मुख्याधिकारी प्रशांत उरकुडे ने इसके लिए पहल की थी। उन्होंने नप के विशेष फंड से महिला को 5 लाख 32 हजार 732 रुपए का चेक दे दिया। बकाया राशि मार्च 2026 तक देने का आश्वासन दिया है। मुख्याधिकारी ने दिखायी समय सूचकता व पहल के कारण नप कार्यालय पर जब्ती की कार्रवाई टल गई।
Created On :   12 Nov 2025 4:36 PM IST














