एसटी महामंडल की उदासीनता: आधी दूरी ऑटो से फिर 3 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचीं छात्राएं, उपलब्ध नहीं करवाई दूसरी बस

आधी दूरी ऑटो से फिर 3 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचीं छात्राएं, उपलब्ध नहीं करवाई दूसरी बस
  • बस खराब हुई, दूसरी बस उपलब्ध नहीं करवाई
  • एसटी महामंडल की उदासीनता आई सामने
  • छात्राओं को हुई परेशानी

डिजिटल डेस्क, वर्धा. आष्टी तहसील के थार, बोरखेड़ी, बोटोणा, पार्डी गांव की छात्राएं स्कूल-कॉलेज से लौटकर आष्टी बसस्टैंड में बहुत देर बस का इंतजार करती रही। लेकिन बस फेल होने से और दूसरी बस तलेगांव डिपो द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने से सुबह 6 बजे घर से निकली पार्डी की छात्राएं बोटोणा तक ही ऑटो होने से बोटाणा पहुंची और वहां से भूखे पेट तीन किमी पैदल सफर कर दोपहर ग्राम पार्डी अपने घर पहुंचीं। जिससे परिजन व शिक्षकों ने रोष व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि, आष्टी तहसील अंतर्गत थार, बोरखेडी, बोटोणा, पार्डी गांव की छात्राएं पढ़ने के लिए प्रतिदिन आष्टी में अपडाउन करती है। जिसमें स्कूली, महाविद्यालयीन छात्र, छात्राएं शामिल हंै। तलेगांव डिपो की बस सुबह 6 बजे थार पहुंचती है। जहां से होते हुए बोरखेड़ी, बोटोणा, पार्डी से छात्राओं को लेकर आष्टी पहुंचती है। वापस जाने के लिए 12 बजे की बस होती है। जिसके बाद शाम साढ़े 5 बजे की बस है। जिससे स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी अपने गांव पहुंचते हैं। बुधवार को सुबह 6 बजे इन चारों गांव की 40 छात्राएं आष्टी पहुंची। स्कूल-कॉलेज खत्म होने के बाद बस के लिए आष्टी बसस्टैंड पर पहुंची। परंतु उनके गांव जानेवाली बस फेल हो गई।

जिस कारण दूसरी बस का इंतजाम करना आवश्यक था। परंतु आष्टी बसस्टैंड पर दूसरी बस ही उपलब्ध नहीं थी। जिससे तलेगांव डिपो से बस मांगी गई। लेकिन बहुत देर तक तलेगांव डिपो से छात्राओं के लिए दूसरी बस ही नहीं आने से अंतत: निराश होकर छात्राओं ने गांव की राह पकड़ी। इस दौरान निजी ऑटो से छात्राएं गांव जाने लगी। लेकिन निजी ऑटो भी बोटोणा तक ही होने से पार्डी की कुछ छात्राओं को बोटोणा से 3 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ी। जिससे परिजनों के साथ शिक्षकों ने भी रोष व्यक्त किया।

बता दे कि, इस मार्ग पर आर्वी व तलेगांव डिपो से बस छोड़ी जाती है। परंतु कबाड़ बसों के चलते हमेशा बसेें नियमित नहीं पहुंचती। ऐसे में कई बार रात के 8 से 9 बजे तक विद्यार्थी घर नहीं पहुंच पाते। सुबह 6 बजे निकलने वाली बस भी नियमित नहीं है। ऐसे में अगर बस नहीं आती है तो छात्राओं का कॉलेज, स्कूल मिस हो जाता है। जिससे विद्यार्थियों का कई बार शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।

बस उपलब्ध नहीं थी

संतोष मोकले, मैनेजर, आष्टी बस स्टैंड के मुताबिक प्रतिदिन दोपहर 12 बजे व शाम साढ़े 5 बजे पार्डी तक विद्यार्थियों के लिए बस छोड़ी जाती है। परंतु बुधवार को एक बस फेल हो गई। फिर हमारे पास कोई भी बस उपलब्ध नहीं थी। जिससे तलेगांव डिपो से बस की मांग की गई। लेकिन शाम 5 बजे तक बस ही उपलब्ध नहीं हुई। ऐसे में छात्राएं पैदल निकल गई।

छात्राओं के साथ हो सकती थी अनहोनी

डा. तुषार नायकुजी, प्राध्यापक, हुतात्मा महाविद्यालय के मुताबिक आज छात्राओं को भूखे पेट पैदल घर तक जाना पड़ा। आष्टी से पार्डी अंतिम गांव 14 किमी पर है। किसी तरह बोटोणा तक निजी ऑटो मिल जाते हैं। परंतु उनका किराया अधिक है। सभी विद्यार्थी गरीब परिवार से हाेने के कारण उन्हें ऑटो का किराया नहीं पुराता। किसी तरह ऑटाे से चले भी गए तो बोटाेणा से पार्डी तक 3 किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है। यह क्षेत्र जंगलव्याप्त होने से वन्यजीवों समेत अपराधिक तत्वों का खतरा रहता है। अगर इस बीच कुछ गलत होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन? ऐसा सवाल उपस्थित हो रहा है


Created On :   15 Feb 2024 11:50 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story