दिल्ली : गोली मारने का लाइव वीडियो दिखा सद्दाम ने करोड़ों वसूले (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गुरुवार रात उप्र के मेरठ में एक मुठभेड़ के दौरान दबोचा गया कुख्यात इनामी बदमाश सद्दाम एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासा कर रहा है। मुठभेड़ में सद्दाम के दोनों पैरों में गोली लगी है और अब तक हुई पूछताछ में उसके नाम से ज्यादा खतरनाक उसके कारनामे सामने आ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया, सद्दाम शार्प शूटर है। लाखों रुपये लेकर वह किसी को भी मारने या मरवाने में भी तेज है। हत्या, लूट से ज्यादा सद्दाम का ध्यान जबरन धन उगाही पर रहता है। हरियाणा, यूपी, राजस्थान और दिल्ली में सद्दाम का नाम सुनते ही मोटे आसामियों की बात छोड़िए, अच्छे-अच्छे बदमाशों को भी पसीना आता था।
सूत्र ने कहा, सद्दाम एक महीने में कितने करोड़ कमा लेता था, इसका जबाब उसके अलावा किसी को नहीं पता। वजह, जबरन धन वसूली के कारोबार में वह वसूली-रकम का लेनदेन डायरेक्ट करता था।
सद्दाम के नाम से ज्यादा खूंखार और रूह कंपा देने वाले उसके कारनामे अब सामने निकल कर आ रहे हैं।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक सूत्र ने बताया, सद्दाम उर्फ गौरी और उसके दो खूंखार गुर्गों दिलीप व उस्मान की गिरफ्तारी के बाद इनसे पीड़ित कुछ लोग सामने आ रहे हैं।
स्पेशल टीम की पूछताछ में सद्दाम ने यह भी बताया कि जरायम की दुनिया में वह आज तक इसलिए कामयाब रहा, क्योंकि उसने किसी भी साथी बदमाश पर विश्वास नहीं किया।
सद्दाम कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पश्चिमी दिल्ली में सट्टेबाजों के एक अड्डे से उसने लाखों रुपये (करीब 80-90 लाख) वसूल लिए थे।
शिकार को बिना गोली चलाए ही काबू करने के लिए सद्दाम एक वो वीडियो भी सामने वाले को दिखाया करता था, जिसमें वह किसी शख्स को लाइव गोली मारकर घायल करता हुआ दिखता है। वीडियो में कैद सद्दाम के उस खूनी रूप को देखकर किसी की भी रूह कांप जाना लाजिमी था।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और मेरठ पुलिस के संयुक्त अभियान में गुरुवार को ट्रांसपोर्ट नगर (मेरठ) में सद्दाम के दोनों पांवों में गोलियां लगीं, जबकि उसके साथी गुर्गों के एक-एक पांव में गोली लगी।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डिप्टी पुलिस कमिश्नर प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा ने आईएएनएस को बताया, सद्दाम का इस वक्त पकड़ा जाना बेहद जरूरी था। वरना यह गैंग दिल्ली या फिर उसके आसपास के किसी भी इलाके में किसी बड़ी खतरनाक वारदात को अंजाम देने ही वाला था।
सद्दाम पर 14 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें दिल्ली में एक मामला मकोका कानून के तहत भी दर्ज है।
डीसीपी कुशवाहा ने आगे कहा, गुरुवार रात मेरठ में हुई मुठभेड़ के दौरान सद्दाम और उसके साथियों के पास से पॉइंट 32 बोर की एक ऑटोमेटिक पिस्तौल और 315 बोर की दो पिस्तौल, 7 जीवित कारतूस, 8 कारतूसों के खोखे और एक कार जब्त की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस दक्षिणी परिक्षेत्र की स्पेशल सेल की टीम के सहायक पुलिस आयुक्त अतर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार, एएसआई अनिल कुमार, हवलदार संजीव, मेरठ थाना ट्रांसपोर्ट नगर के एसएचओ सब इंस्पेक्टर दिनेश चंद्र की टीम ने गुरुवार रात मेरठ में सद्दाम और उसके साथी बदमाशों को घेर लिया था।
इसे इत्तेफाक ही कहेंगे कि सहायक पुलिस आयुक्त रहते हुए जिस अतर सिंह का मुकाबला सद्दाम से गुरुवार रात मेरठ में हुआ, इसी सद्दाम को 2014 में स्पेशल सेल में ही इंस्पेक्टर रहते हुए भी अतर सिंह ने दबोचा था।
तब और अब में फर्क बस इतना है कि इस वक्त अतर सिंह इंस्पेक्टर के बजाए स्पेशल सेल में एसीपी और उनके टीम प्रमुख डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा है। जबकि 2014 में इंस्पेक्टर अतर सिंह के बॉस थे आज दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) के प्रमुख राजीव रंजन। राजीव रंजन ने 1990 के दशक में देश की सबसे बड़ी पॉलिटिकल गिरफ्तारी (कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरिकिशन लाल भगत को 1984 सिख दंगों के मामले में) करके हिंदुस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया था।
राजीव रंजन ने आईएएनएस को बताया, 2014 में इंस्पेक्टर अतर सिंह ने अमित भूरा को बागपत में यूपी पुलिस की कस्टडी से भगाए जाने के बाद लूटी हुई 2 एके-47 राइफलें भी सद्दाम की निशानदेही पर ही बरामद की थीं। उन दो एके-47 राइफल में से एक दिल्ली के कुख्यात बदमाश नीरज बबानिया के मामा रामबीर शौकीन के कब्जे से मिली थी। बाद में अमित भूरा को पंजाब पुलिस ने जब पकड़ा तो, उसकी पहचान दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की ही टीम से कराई गई थी।
-- आईएएनएस
Created On :   4 Oct 2019 9:30 PM IST