ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में पर्दाफाश: दो गिरफ्तार, फ्रॉड की गई दो लाख रूपए की रकम बरामद, मोबाइल तथा सिम कार्ड भी जप्त

दो गिरफ्तार, फ्रॉड की गई दो लाख रूपए की रकम बरामद, मोबाइल तथा सिम कार्ड भी जप्त
  • पन्ना पुलिस ने किया ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों का पर्दाफाश
  • दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
  • मोबाइल और सिम कार्ड भी जप्त

डिजिटल डेस्क, पन्ना। सवा साल पूर्व ऑनलाइन 2 लाख रूपए के फ्रॉड की घटना का पर्दाफाश करते हुए पन्ना पुलिस द्वारा मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी बिट्टू कुमार पिता मदनलाल ओड राजपूत उम्र 24 साल एवं दिलीप कुमार सिंह राजपूत उम्र 50 वर्ष राजस्थान के अलवर जिले के थाना नौगांव अंतर्गत ग्राम रसवाडा के निवासी है। घटना प्रकरण एवं पुलिस कार्यवाही के संबंध में सामने आई जानकारी के अनुसार नरेन्द्र सिंह पिता स्वर्गीय भूपेन्द्र सिंह उम्र 37 वर्ष निवासी हाल निवासी पवई को दिनांक 23 दिसम्बर 2021 को एक मोबाइल नंबर से फोन काल आया तथा कालर द्वारा अपना नाम मनोज सक्सेना बताते हुए बातचीत करते हुए कहा गया कि उसके खाते में रूपए नहीं जा रहे अपना फोन-पे नंबर दे दो। पवई में आकर रूपए ले लूंगा नरेन्द्र सिंह पवई निवासी मनोज सक्सेना नाम के एक व्यक्ति से परिचित थे जिस पर आए फोन के कालर को उन्हें समझते हुए नरेन्द्र द्वारा पहले अपने इंसाफ बैंक के खाते का फोन-पे नंबर दे दिया। इसके बाद उनके फोन-पे नंबर पर 20 हजार रूपए के रिसीव मनी का मैसेज आया।

मोबाइल हैंग होने पर साइड बटन से मोबाइल को चालू किया तो बैंक खाते में राशि आने की वजह 20 हजार रूपए उसके खाते से कट गए थे। जिस पर नरेन्द्र सिंह द्वारा फोन लगाकर उस व्यक्ति से कहा गया कि मेरे खाते से रूपए कट गए हैं जबकि रूपए नहीं आए तब वह बोला गलती से कट गया होगा वापिस भेज रहा हूँ थोडी देर बाद रूपए नहीं आने पर दोबारा नरेन्द्र ने काल किया तो कालर ने कहा कि इस खाते में रूपए नहीं जा रहे हैं दूसरा खाता नंबर हो तो दो जिस नरेन्द्र ने कालर को एसबीआई यूनो का नंबर दे दिया जिसमें भी रूपए आने की वजह 1 लाख 80 हजार रूपए के कटने का मैसेज आया जिसके बाद फरियादी नरेन्द्र सिंह द्वारा बैंक जाकर अपने खाते की जांच की गई जहां पर उसके दोनों खाते से 2 लाख रूपए के निकल जाने की पुष्टि हुई।

फरियादी नरेन्द्र सिंह के द्वारा जिसकी जानकारी इसाफ बैंक शाखा पवई तथा स्टेट बैंक शाखा पन्ना को लिखित में दी तथा तत्काल ही सायबर सेल पुलिस को घटना की पूरे मामले की जानकारी देकर जांच की मांग की गई। इसके बाद दिनांक 16 दिसम्बर 2022 तक नरेन्द्र सिंह की बैंक से निकली राशि खाते में वापिस नहीं आई तो तब उसके द्वारा पवई थाने में मामले की एफआईआर दर्ज करवाई गई। जिस पर पवई थाने अज्ञात के विरूद्ध आईपीसी की धारा 420 के आरोप में प्रकरण क्रमांक 0389/2022 दर्ज कर पुलिस द्वारा विवेचना में लिया गया।

इस तरह मामले का पुलिस ने किया खुलासा

प्रकरण के खुलासे के संबंध में पुलिस द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पवई के नेतृत्व में एक पुलिस टीम गठित की गई थी। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर सायबर सेल टीम द्वारा फरियादी के बैंक खातों से आहरित की गई राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। जिससे पता चला कि राशि ई-मित्र परियोजना के माध्यम से आरोपी बिट्टू कुमार द्वारा कियोस्क वालेट को रिफिल करवाया गया है जिस पर गठित पुलिस टीम ने संदेही बिट्टू कुमार को अलवर राजस्थान से पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूंछताछ की गई तो उसने बताया कि गांव के ही दिलीप कुमार के साथ ही मिलकर पन्ना जिले के नरेन्द्र सिंह नाम के व्यक्ति से 2 लाख रूपए की फ्रॉड करके राशि निकाली थी और उसे हम दोनो द्वारा आपस में बांट लिया गया था जिस पर आरोपी के बताए अनुसार दूसरे आरोपी दिलीप सिंह को भी पुलिस अभिरक्षा में लेकर पँूछताछ की गई पकडे गए दोनो आरोपियों द्वारा जुर्म स्वीकार किए जाने के बाद उनके खातों से 2 लाख रूपए की राशि को जप्त किया जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

इनके द्वारा की गई कार्यवाही

उक्त संपूर्ण कार्यवाही में तत्कालीन थाना प्रभारी पवई उपनिरीक्षक भानुप्रताप सिंह चौहान, पुलिस सायबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक अनिल सिंह राजपूत, पुलिस टीम में शामिल प्रधान आरक्षक गणेश सिंह, आरक्षक प्रेमनारायण एवं पुलिस सायबर सेल टीम पन्ना का सराहनीय योगदान रहा। पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा उक्त पुलिस टीम को पुरुस्कृत किये जाने की घोषणा की गई है।

Created On :   19 March 2024 5:28 PM GMT

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