Heramba Sankashti Chaturthi 2025: भाद्रपद मास की चतुर्थी है खास, जानिए गणपति जी की पूजा विधि और मुहूर्त

- भगवान गणेश रिद्धि- सिद्धि के दाता माना जाते हैं
- वे प्रथम पूज्य हैं और विघ्नहर्ता के रूप पूजे जाते हैं
- किसी से शुभ कार्य से पूर्व उनकी आराधना होती है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भगवान गणेश को रिद्धि- सिद्धि का दाता और विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। वे प्रथम पूज्य हैं, इसलिए किसी से पूजा या शुभ कार्य से पूर्व उनकी आराधना की जाती है। हिन्दू कैलेंडर के प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणपति जी की विशेष पूजा की जाती है और इसे अलग- अलग नामों से जाना जाता है और इस दिन व्रत रखने से भिन्न फलों की प्राप्ति होती है।
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ने वाली चतुर्थी को हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी (Heramba Sankashti Chaturthi) के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह 12 अगस्त 2025 यानी कि आज है। आइए जानते हैं हेरम्ब संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
तिथि और पूजा मुहूर्त
चतुर्थी तिथि आरंभ: 12 अगस्त 2025, मंगलवार की सुबह 08 बजकर 40 मिनट से
चतुर्थी तिथि समापन: 13 अगस्त 2025 की सुबह 06 बजकर 35 मिनट तक
पूजन विधि
- भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
- बप्पा को जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें
- ॐ हेरम्बाय नमः
- ॐ गं गणपतये नमः
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Created On :   12 Aug 2025 8:42 PM IST