10 अनसुनी बातें, 4 सौ साल पहले तैयार हुआ था स्वर्ण मंदिर का नक्शा

10 Unknown facts about the Golden Temple of Sri Harmandir Sahib
10 अनसुनी बातें, 4 सौ साल पहले तैयार हुआ था स्वर्ण मंदिर का नक्शा
10 अनसुनी बातें, 4 सौ साल पहले तैयार हुआ था स्वर्ण मंदिर का नक्शा

डिजिटल डेस्क, अमृतसर। गोल्डन टेंपल, हरिमंदिर साहिब, दरबार साहित या अमृतसर का स्वर्ण मंदिर सिखों का प्रमुख तीर्थस्थल है। जो भी सच्चे दिल से यहां जाता है। उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। 4 नवंबर को गुरु नानक देवजी का अवतरण दिवस है। इस अवसर पर यहां हम आपको इस मंदिर से जुड़ी 10 प्रमुख अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं...

  • 19वीं शताब्दी में इसे अफगानी शासकों द्वारा पूरी तरह नष्ट किया जा चुका था। जिसे महाराजा रणजीत सिंह ने दोबारा बनवाया। जब यहां दीवारों पर सोने की परत चढ़ाई गई तो यह स्वर्ण मंदिर के नाम से विख्यात हुआ। 
  • स्वर्ण मंदिर का नक्शा आज से 4 सौ साल पहले बनाया गया था जिसे गुरू अर्जुन देवजी ने तैयार किया था। 
  •  यहां होने वाला भण्डारा भी किसी रहस्य से कम नही है। करीब 40 से 50 हजार भक्तों को भोजन यहां प्रतिदिन कराया जाता है। यहां हर वक्त लंगर की व्यवस्था रहती है। 
  •  यहां बने स्वर्ण सरोवर को लेकर भी बताया जाता है कि यह व्यक्ति को नया जीवन देता है। इसके जल में स्नान करने से सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। पहले ये बहुत छोटा था अब इसका आकार बड़ा हो गया है। इसके आसपास बेरी के पेड़ लगे हुए हैं।
  • यह सिखों के पहले गुरू और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की साधना स्थली है। यह जगह बाद में फेमस हुई। 
  • यहां हर धर्म के लोग देखने मिलते हैं। यही वजह है कि इसकी प्रसिद्धि दूसरे स्थलों की तुलना में अधिक है। कहा जाता है कि इसके निर्माण में चारों धर्म के लोगों ने योगदान सेवा के रूप में दिया था। यहां आने वाले 35 प्रतिशत लोग अन्य धर्म के होते हैं। 
  • सरोवर के बीच में स्थित इस मंदिर को पुल के जरिए किनारे से जोड़ा गया है। स्वर्ण मंदिर में चार दरवाजे हैं अर्थात हर धर्म के लोगों के लिए इसके द्वार खुले हैं। 
  • इतिहास में उल्लेख मिलता है कि सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने लाहौर के एक सूफी संत साईं मियां मीर जी से दिसंबर 1588 में गुरुद्वारे की नींव रखवाई थी।

Created On :   3 Nov 2017 10:40 AM IST

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