हर माह की प्रत्येक एकादशी को जिस प्रकार व्रत से पहले संकल्प लेते हैं, उसी प्रकार इस एकादशी पर भी पहले हाथ में जल लेकर हृदय से शुद्ध भावना से संकल्प करें तथा सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि क्रियाओं से मुक्त होकर भगवान श्री विष्णु जी का पूजन धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प एवं फल आदि से करें। व्रत के दौरान एक समय फलाहार करें।
तुलसी का रोपण, सिंचन और पूजन करने से प्रभु अति प्रसन्न होते हैं और हरिनाम का संकीर्तन करने से अपार कृपा मिलती है। विष्णु भगवान सर्वशक्तिशाली एवं सर्वव्यापक हैं एवं बिना मांगे ही अपने भक्त के कष्टों और चिंताओं को मिटा देते हैं। जो भक्त मात्र भगवान की भक्ति ही सच्चे भाव से करते हैं उन पर तो भगवान वैसे भी कृपा करते ही हैं जैसे अपने मित्र सुदामा पर उन्होंने बिना कुछ कहे ही सब कुछ प्रदान कर दिया था इसलिए भगवान जी से मात्र उनकी सेवा मांगने वाले भक्त सदा सुखी एवं प्रसन्न रहते हैं।
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अजा एकादशी व्रत 2018: जानिए व्रत विधि, कथा और महत्व
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भाद्रपद मास (भादों) के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि अजा एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है। इसे अन्नदा एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी के व्रत को करने से जीव के जन्म-जन्मांतरों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और भाग्य भी उदय हो जाता है। इस व्रत को करने से हर प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन भगवान श्री हरी विष्णु जी के उपेन्द्र रुप की विधिवत पूजा की जाती है। इस बार अन्नदा या अजा एकादशी का व्रत 6 सितंबर 2018 को है, इसी दिन गोवत्स द्वादशी भी है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को प्रिय गाय और बछड़ों का पूजन करना चाहिए तथा उन्हें गुड़ और हरी घास खिलानी चाहिए।


सतयुग में सूर्यवंशी चक्रवर्ती राजा हरीशचन्द्र हुए जो बड़े ही सत्यव्रतधारी थे। एक बार उन्होंने अपने स्वप्न में भी दिये वचन के कारण अपना सम्पूर्ण राज्य राजऋषि विश्वामित्र को दान कर दिया था एवं दक्षिणा देने के लिए अपनी पत्नी एवं पुत्र को ही नहीं स्वयं तक को दास के रुप में एक चण्डाल को बेच दिया था।
अनेक कष्ट सहन करते हुए भी वह कभी सत्य से विचलित नहीं हुए तब एक दिन उन्हें ऋषि गौतम मिले उन्होंने तब अजा एकादशी की महिमा सुनाते हुए यह व्रत राजा हरिशचंद्र को करने के लिए कहा। राजा हरीश्चन्द्र ने उस समय के अपने सामर्थ्यानुसार इस व्रत का पालन किया जिसके प्रभाव से उन्हें न केवल उनका खोया हुआ राज्य प्राप्त हुआ अपितु वह परिवार सहित सभी प्रकार के सुख भोगते हुए अंत में प्रभु के बैकुंठधाम को प्राप्त हुए। अजा एकादशी व्रत के प्रभाव से ही उनके सभी पाप नष्ट हो गए तथा उनको अपना खोया हुआ राज्य एवं परिवार भी प्राप्त हो गया था।

विष्णु जी को एकादशी परम प्रिय है तथा इसका व्रत करने वाले भक्त संसार के सभी सुखों को भोगते हुए अंत में विष्णु जी के परम धाम को प्राप्त करते हैं। एकादशी में रात्रि जागरण का अत्यधिक महत्व है। इस दिन किए गए दान का भी कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। जिस किसी भी कामना से कोई एकादशी व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण हो जाती हैं।
एकादशी व्रत में अन्न का सेवन नहीं करते हैं। कई जातक तो इस व्रत में केवल जल ही ग्रहण करते हैं। वैसे इस व्रत में एक समय में फलाहार करने का विधान है। व्रत का पारण अगले दिन यानि द्वादशी तिथि को विधिवत पूजन करने के पश्चात किया जाता है। ब्राह्मणों को भोजन तथा अपने सामर्थ्यानुसार दक्षिणा देकर इस व्रत का पारण किया जाता है।

पुराणों में बताया गया है कि जो व्यक्ति श्रृद्धा पूर्वक अजा एकादशी का व्रत रखता है उसके पूर्व जन्म के पाप कट जाते हैं और इस जन्म में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। अजा एकादशी के व्रत से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है और मृत्यु के पश्चात व्यक्ति उत्तम लोक में स्थान प्राप्त करता है।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।