PHOTOS : आह्वान से परिक्रमा तक, ये हैं बप्पा को प्रसन्न करने के आसान मंत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस साल लंबोदर गजकेसरी योग में विराजेंगे। इसे अति शुभ और मंगलकारी माना गया है। ये छात्रों बुद्धिजीवियों के साथ-साथ राजनीतिज्ञों के लिए बहुत कल्याणकारी सिद्ध होगा। 25 अगस्त गणेश चतुर्थी के अवसर पर धरा से लेकर आकाश तक बप्पा के जयकारों से गुंजायमान है। हर जगह बप्पा को निराले रूपों में देखने मिल रहा है। सुप्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी बप्पा की आकृति रेत पर बनाकर उसे ट्विटर पर शेयर किया।
इसी प्रकार अनेक गणेश पंडालों में गणपति को शिव-पार्वती के साथ देखने मिल रहा है। शास्त्रों में कहा गया है कि जितने जल्दी बप्पा प्रसन्न होते हैं उतने ही जल्दी रूठ भी जाते हैं। इसलिए पूजन के दौरान विधि-विधान का ध्यान रखना चाहिए।
आरती और परिक्रमा
शास्त्रों के अनुसार प्रथम पूज्य गणेश के पूजन में आह्वान से प्रारंभ होकर आसन, पादय, अर्घ, आचमन, स्नान, वस्त्र, गंध, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्यय, तांबूल, दक्षिणा, आरती और परिक्रमा तक करना चाहिए।
पंचमेवा अर्पित करना
ॐगं गणपतये नमः- वस्त्रोपवस्त्रम् समर्पयामिश्कहते हुयेगणेश जी को यथा शक्ति वस्त्र पहनायें।
पुष्प अर्पित करना- ॐगं गणपतये नमः पुष्पं समर्पयामिश् यह कहते हुये गणेश जी को पुष्प चढ़ाये।
अक्षत अर्पित करना- ॐगं गणपतये नमः अथताम् समर्पयामिश् कहते हुये गणेश जी को चावल चढ़ायें।
मिष्ठान अर्पित करना- ॐगं गणपतये नमः नैवेद्यम निवेदयामिश् कहते हुये मिष्ठान का भोग लगायें।
फल अर्पित करना- ॐगं गणपतये नमः समर्पयामिश् कहते हुये गणेश जी को फल चढ़ाना।
पंचमेवा अर्पित करना- ॐगं गणपतये नमः पंचमेवा समर्पयामिश् कहते हुये गणेश जी को पंचमेवा अर्पित करें।
बप्पा को प्रिय
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटी सम्प्रभा
निर्विघ्नं कुरूमेदेव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
यह श्लोक बप्पा को अतिप्रिय है। गणेश पूजन के उपरांत गणपति का प्रसाद ज्यादा से ज्यादा लोगों को देना चाहिए, ताकि बप्पा का अशीर्वाद प्रत्येक को प्राप्त हो सके।
Created On :   25 Aug 2017 3:47 AM GMT