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दैनिक भास्कर हिंदी: VIDEO : जानिए, कब होती थी मुर्दे की ताजी राख से महाकाल बाबा की भस्मारती
डिजिटल डेस्क, उज्जैन। महाकाल बाबा की भस्मारती अब पिंडी पर सफेद कपड़ा लपटेकर होती है। क्षरण की बात सामने आने के बाद जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीमकोर्ट ने प्रतिदिन भस्मारती सफेद कपड़ा लपेटकर करने के आदेश दिए। अब बाबा को भस्मारती के पहले पहले कपड़ा लपेटा जाता है फिर आगे की प्रकिया शुरू होती है। दो दिन पूर्व वैकुण्ठ चतुर्दशी पर बाबा सृष्टि का कार्यभार भगवान विष्णु को सौंपकर कैलाश की ओर निकले। आज यहां हम आपको बाबा महाकाल से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे महाकाल की महिमा स्पष्ट होती है।
विशेष नियम
यहां पहले श्मशान हुआ करता था। दुनिया भर में यह एक मात्र मंदिर है जहां बाबा की भस्मारती होती है। इस दौरान गर्भग्रह में जाने के विशेष नियम हैं। जिनका पालन करने के बाद ही भस्मारती को देखा जा सकता है।
गोबर के उपलों से बनी राख
भस्मारती पहले चिता की राख से होती थी। अब अनेक वर्षों से गोबर के उपलों से बनी राख से होती है। बाबा भूतभावन हैं इसलिए यही उनका श्रंगार है। यह परंपरा कब शुरू हुई यह कोई अब तक नहीं बता पाता। हालांकि ऐसा माना जाता है कि मुगलकालीन शासन में चिता की राख से भस्मारती की परंपरा थी।
पुजारी ने जीवित पुत्र की जलायी चिता
बाबा की भस्मारती को लेकर कहा जाता है कि एक बार बाबा के श्रंगार के लिए किसी मुर्दे की राख नही मिली। जैसे उस दिन महाकाल की आरती के लिए काल ने किसी को अपना ग्रास नहीं बनाया था। बाबा के अनन्य भक्त और पुजारी ने परंपरा और महाकाल के श्रंगार के अपने जीवित पुत्र को अग्नि के सुपुर्द किया और उसकी चिता की राख से महाकाल की भस्मारती की। ऐसा भी कहा जाता है कि इसके बाद ही मुर्दे की राख से भस्मारती की प्रथा समाप्त हुई। ऐसी कहानी यहां प्रचलित है इसमें कितनी सत्यता है ये कोई नही बता सकता।
कुंभ से पूर्व जारी निर्माणकार्य के दौरान यहां कुछ हड्डियां जमीन के अंदर से मिलीं। जिसके बाद लोग कुछ वक्त के लिए डरे, लेकिन जब यह बताया गया कि यहां पहले पूर्णतः श्मशान था तो इसे सामान्य माना गया।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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