वास्तुशास्त्र: उत्तरमुखी ही नहीं पश्चिममुखी भूखण्ड भी होता है शुभ, जानिए क्यों

Vastu Shastra: Not only the north facing, the west facing plot is also auspicious
वास्तुशास्त्र: उत्तरमुखी ही नहीं पश्चिममुखी भूखण्ड भी होता है शुभ, जानिए क्यों
वास्तुशास्त्र: उत्तरमुखी ही नहीं पश्चिममुखी भूखण्ड भी होता है शुभ, जानिए क्यों

डिजिटल डेस्क। लोगों का मानना ​​है कि पूर्व और उत्तर का सामना करने वाले भूखंड शुभ हैं और दक्षिण और पश्चिम का सामना करने वाले भूखंडों को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए। यह सच नहीं है। कोई भी दिशा अपने आप में अच्छी या बुरी नहीं होती है। हमें इस बात की सराहना करनी चाहिए कि प्रत्येक उत्तर मुखी भूखंड के लिए दक्षिण मुखी भूखंड होगा और प्रत्येक पूर्व मुखी भूखंड के लिए एक पश्चिम मुखी भूखंड होगा। 

यदि उपरोक्त धारणा सत्य थी, तो आधे निवासियों को गंभीर संकट में होना चाहिए जो तथ्यों द्वारा समर्थित नहीं हैं। किसी को यह समझना चाहिए कि दक्षिण और पश्चिम भूखंडों का निर्माण किया जा सकता है और जब उनका सही तरीके से दोहन किया जाता है तो वे सबसे अच्छा लाभ प्राप्त करते हैं। इसी तरह वास्तु के सिद्धांतों के खिलाफ उत्तर या पूर्व के भूखंड पर बना एक घर समान रूप से विनाशकारी परिणाम देगा। 

हालांकि उत्तर और पूर्व के सामने वाले भूखंडों में कुछ निहित लाभ हैं जो कि भूखंड की एक प्राकृतिक विशेषता है। यह दक्षिण और पश्चिम का सामना करना पड़ भूखंड और में गायब हो जाएगा यह वास्तुकला शब्द के समकक्ष नहीं है। वास्तु वास्तु है और बहुत कुछ। जबकि वास्तुकला विज्ञान, कला या पेशे को डिजाइन करने और बिल्ड-इंग्स आदि का पेशा है, वास्तु की परिभाषा भोगवाद के दायरे में विस्तारित होती है। 

भवन शास्त्र के कला विज्ञान, वास्तु शास्त्र कला, जो कि अथर्ववेद के अनुप्रयुक्त पक्ष हैं, एक प्राचीन विज्ञान है और हमारी विरासत की प्रमुख विशेषताओं में से एक है। वास्तु का अर्थ है मूल संस्कृत साहित्य में मनुष्य और देवताओं का निवास।

साभार: आशीष गुप्ता, वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ

Created On :   22 Nov 2019 8:01 AM GMT

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