कोरोनावायरस : दिल्ली में पहले संक्रमित व्यक्ति ने साझा किए अनुभव

Coronavirus: first infected person shared experiences in Delhi
कोरोनावायरस : दिल्ली में पहले संक्रमित व्यक्ति ने साझा किए अनुभव
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 20 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली के पहले कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति ने अपने अनुभवों को साझा किया है। उसने डॉक्टरों व सरकार द्वारा की गई व्यवस्था के अनुभवों को बयान किया है।

व्यक्ति ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, मैं विदेश से लौटा था, जिसके बाद मेरी तबीयत खराब होनी शुरू हो गई थी, उसके बाद मेरे डॉक्टर ने 29 फरवरी को कोरोनावायरस की जांच के लिए आरएमएल अस्पताल रेफर किया। उसके बाद जब मैं वहां गया तो एक कमरा बनाया हुआ था जो सिर्फ कोरोनावायरस के लोगों के लिए था। उसके बाद मुझसे एक फॉर्म भरने को कहा जिसमें लक्षण पूछे गए थे, तो जैसे ही मैंने बुखार पर निशान लगाया मेरी जांच हुई, जांच के बाद वहां मौजूद डॉक्टर्स ने मुझसे कहा कि आपको अस्पताल में रुकना पड़ेगा।

आईएएनएस से बातचीत में मरीज ने कहा, मैं 14 दिन सफदरजंग अस्पताल में ही रहा और मेरा मानना है कि इससे अच्छा अस्पताल और सरकार का इंतजाम नहीं हो सकता, जहां मैं ठहरा था। सरकार और डॉक्टर्स की प्लानिंग बहुत अच्छी थी। डॉक्टर्स, स्टाफ और सफाई कर्मचारी की तरफ से सुविधाएं बहुत अच्छी दी गई थीं। मेरा मानना है कि घर पर भी हमें ऐसी सुविधा नहीं मिल सकती।

उन्होंने कहा, मेरी देखभाल बहुत अच्छे से की गई, मैंने जब जो मांगा मुझे खाने के लिए दिया गया।

उन्होंने आईएएनएस से आगे कहा, अगले दिन यानी एक तारीख को देर शाम सरकार को पता चला कि दिल्ली में मैं पहला केस हूं कोरोनावायरस का। लेकिन उन्होंने मुझे उस वक्त नहीं बताया था, जो मुझे अच्छी बात लगी। इससे इंसान टेंशन में परेशान हो जाता है और रात भर सो नहीं पाता।

उन्होंने कहा, उसके बाद मुझे रात आठ बजे राम मनोहर लोहिया अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट कर दिया, जिसके बाद अगले दिन सुबह डॉक्टर्स की टीम मेरे पास आई और मुझसे कहा कि सर आप बैठ जाए, मैंने तुरंत डॉक्टर्स को कहा कि भाई खड़े होकर ही बात कर लेते हैं। उसके बाद मुझे एक डॉक्टर ने कहा कि आप कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, लेकिन आप घबराएं नहीं। हम आपको बिल्कुल ठीक करके ही घर भेजेंगे यह हमारा आपसे वादा है।

उन्होंने कहा, उस वक्त मुझे लगा कि जिस वक्त डॉक्टर आपको भरोसा दिला दे तो आप 50 प्रतिशत खुद ठीक हो जाते हैं, क्योंकि उस वक्त डॉक्टर ही भगवान और अस्पताल ही मंदिर और मस्जिद जैसा लगता है और जब भगवान वादा करदे की तुम ठीक हो जाओगे तो आप ठीक होने लगते हो।

उन्होंने कहा, डॉक्टर्स ने उसके बाद मुझसे हर छोटी से छोटी जानकारी ली और मेरी जानकारी के मुताबिक जितने भी लोग मेरे संपर्क में आए थे। उन सभी की जांच की गई और ये कुदरत का करिश्मा ही था कि किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं निकली।

उन्होंने कहा, 14 दिन के बाद मेरी दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद मुझे 14 मार्च को शाम 5:30 बजे के करीब अस्पताल से घर के लिए छुट्टी दे दी गई।

उन्होंने कहा, अब मैं घर पर हूं, आराम कर रहा हूं, डॉक्टरों ने मुझसे कहा है कि लक्षण दिखाई दें तो आप हमें फोन करके जानकारी देना। फिलहाल तो बस मैं आराम कर रहा हूं, घर पर परिवार और बच्चों से थोड़ी दूरी बनाए रखता हूं।

Created On :   20 March 2020 3:30 PM GMT

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