दिल्ली, कैलिफोर्निया और स्पेन ने ई व्हीकल पर साझा किए अनुभव

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नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। वैश्विक स्तर पर शून्य-उत्सर्जन को लेकर आयोजित रेस टू जीरो कार्यक्रम में दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर अनुभव और दूरदर्शिता को साझा किया। यूएनएफसीसी ने यह डायलॉग आयोजित किया था। दिल्ली सरकार ने स्वच्छ और हरित भविष्य को लेकर अपना ²ष्टिकोण यहां साझा किया।
यह संवाद क्लाइमेट ग्रुप की ओर से यूएन हाई लेवल क्लाइमेट चैंपियंस और यूके सीओपी-26 प्रेसीडेंसी के सहयोग से आयोजित किया गया था।
दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने यहां दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व किया। दिल्ली सरकार के अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार ने एक व्यापक नीति बनाई है, जो राष्ट्रीय राजधानी में शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों के लिए प्रभावी रूप से परिवर्तन का नेतृत्व कर रही है।
दिल्ली के साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर दो अन्य राज्यों ने भी अपने अनुभव और दूरदर्शिता को साझा किया।
जलवायु कार्यकर्ता, व्यापार प्रमुखों और नेताओं समेत वैश्विक दर्शकों को संबोधित करते हुए जस्मीन शाह ने कहा, जलवायु परिवर्तन और दिल्ली में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से उत्पन्न हो रहे स्वास्थ्य आपातकाल की वजह से दिल्ली में शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों के बदलाव का महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया गया है। वायु प्रदूषण पर इस तरह का आक्रामक रोडमैप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण संभव हो सका है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति दिल्ली में 2024 तक सभी नए पंजीकृत वाहनों में से 25 फीसदी के इलेक्ट्रिक होने के लक्ष्य को लेकर केंद्रित है, जबकि अभी तक यह संख्या महज 0.2 फीसदी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के बदलाव के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की स्पष्टता ने सरकार को फैसले लेने में सक्षम बनाया है। दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति से 2024 तक कार्बन उत्सर्जन में 4.8 मिलियन टन की कमी में आएगी।
दिल्ली की ईवी नीति के पांच प्रमुख स्तंभों के बारे में विस्तार से बताते हुए जस्मीन शाह ने कहा पहले दिल्ली और भारत में वाहन प्रदूषण में अधिकतम योगदान देने वाले दो और तीन पहिया वाहनों को राजकोषीय प्रोत्साहन देने का लक्ष्य निर्धारित किया। दूसरा, हमने इलेक्ट्रिक व्हीकल अपनाने में बाधा उत्पन्न करने वाले अवरोधों को दूर करने में मदद के लिए गैर-वित्तीय प्रोत्साहन भी पेश किया। उदाहरण के लिए, हमने सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी को दिल्ली में चलाने की अनुमति दी। तीसरा, सरकार ने अपना कर्तव्य मानकर सार्वजनिक और निजी परिसर मॉल, कार्यालय आदि में इलेक्ट्रिक चाजिर्ंग स्टेशनों तैयार किया। चौथा, हमारा मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के फायदों से लोगों को अवगत कराने और संवेदनशील बनाने के लिए सरकारों को जन जागरूकता अभियानों का नेतृत्व करना होगा।
जस्मीन शाह ने कहा, शहर में एक बार सड़क पर 10 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारना है, फिर बाकी सब इसका पालन करेंगे।
जीसीबी/एएनएम
Created On :   11 Nov 2020 9:30 PM IST












