डेढ़ महीने के भीतर तैयार हुआ मेड इन इंडिया कोविड-19 टेस्ट किट (आईएएनएस साक्षात्कार)

Made in India Kovid-19 test kit (IANS interview) ready within a month and a half
डेढ़ महीने के भीतर तैयार हुआ मेड इन इंडिया कोविड-19 टेस्ट किट (आईएएनएस साक्षात्कार)
डेढ़ महीने के भीतर तैयार हुआ मेड इन इंडिया कोविड-19 टेस्ट किट (आईएएनएस साक्षात्कार)
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नई दिल्ली, 24 मार्च (आईएएनएस)। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है। देश में सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर कोविड-19 की जांच के लिए मेड इन इंडिया टेस्ट किट तैयार हो गया है।

पुणे की एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी बुधवार की सुबह तक अपने संयंत्र से टेस्ट किट तैयार करने लगेगी। डॉक्टर हंसमुख रावल के नेतृत्व में टॉप बायोटेक्नॉलॉजिस्ट की एक कोर टीम ने डेढ़ महीने के भीतर इस किट को विकसित किया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से सोमवार को इसे अनुमोदन (एप्रुवल) प्राप्त हुआ।

स्वदेश निर्मित 4,500 रुपये की लागत वाले टेस्ट किट के परिणाम केवल 2.5 घंटे में सामने आ जाते हैं, जबकि आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण की जांच के नतीजे आने में 6 से 8 घंटों का समय लगता है।

डॉक्टर रावल ने आईएएनएस से कहा, हमने मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया और परिणाम काफी सटीक आए। हमने डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ संगठन) के नवीनतम पैरामीटर का पालन किया।

भारत में कोविड-19 के टेस्टिंग किट को विकसित करने की योजना पर रावल ने कहा कि जैसे ही चीन में महामारी का प्रकोप बढ़ा, पुणे की उनकी लैब के वैज्ञनिक इसको बनाने में जुट गए।

डॉक्टर रावल ने कहा, बायोटेक्नोलॉजिस्ट डॉ. गौतम वानखेड़े, डॉ. शेफाली और कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ जनवरी (दो महीने पहले) में हमने अपनी कोर टीम की एक बैठक की। हमारी टीम को पैथोजन का पता लगाने और वायरल लोड मॉनिटरिंग के लिए डायग्नोस्टिक्स किट विकसित करने का अनुभव था, इसलिए हमारे पास विशेषज्ञता थी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) का काम तेजी से शुरू हुआ।

उन्होंने कहा, कुछ ही दिनों में चीजे साफ होने लगी और कुछ हफ्तों में हमें पता चल चुका था कि हमारे बायोटेक्नोलॉजिस्ट किट को विकसित करने में सफल हो गए हैं।

रावल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सोमवार सुबह ही उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आईसीएमआर का एप्रूवल मिला।

बायोटेक्नोलॉजिस्ट ने कहा कि कोई भी कंपनी यह दावा कर सकती है कि उसने एक टेस्ट किट विकसित किया है, लेकिन कई मापदंड पूरे करने होते हैं और आखिरकार बहुत ही सटीक परिणाम देने में सक्षम उत्पाद को ही सरकार द्वारा मंजूरी दी जाती है।

रावल ने सूचित कर कहा, हमने कोविड-19 के लिए विकसित टेस्ट किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के शीर्ष केंद्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सौंपा।

उन्होंने कहा, व्यापक परीक्षणों के बाद, हमें 23 मार्च को आईसीएमआर का पत्र मिला। दूसरे शब्दों में, हमें परीक्षण किटों (टेस्ट किट्स) के निर्माण (आपूर्ति के अधीन) के लिए स्वीकृति मिली। हमने तकनीकी मंजूरी भी ले ली है और प्रोडक्शन (उत्पादन) के लिए तैयार हैं।

Created On :   24 March 2020 5:00 PM GMT

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