चीन: बीजिंग में आयोजित भव्य सैन्य परेड में किम और पुतिन, जनता ने पहली बार देखे आधुनिक हथियार

बीजिंग में आयोजित भव्य सैन्य परेड में किम और पुतिन, जनता ने पहली बार देखे आधुनिक हथियार
  • करीब दो दर्जन देशों के विदेशी नेता हिस्सा ले रहे हैं
  • द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित विक्ट्री परेड
  • 2019 के बाद चीन में पहली बड़ी सैन्य परेड

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर कोरिया के किम जोंग उन 6 साल के बाद चीन की राजधानी बीजिंग में मंगलवार 2 सितंबर को आयोजित एक भव्य सैन्य परेड में शामिल हुए। उनके साथ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरानी राष्ट्रपति भी चीन की भव्य सैन्य परेड में शामिल हुए। आयोजित कार्यक्रम में दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों के नेता भी शामिल हो रहे हैं। विक्ट्री परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित की जा रही है। इस आयोजन में करीब दो दर्जन देशों के विदेशी नेता हिस्सा ले रहे हैं। जो बीजिंग के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना या बनाए रखना चाहते हैं।

चीन की इस सैन्य परेड में दुनिया के सामने मिसाइलें, लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य हथियार दिखाए गए। इनमें से कई हथियारों का पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन हुआ। विक्ट्री परेड का उद्देश्य देश के नागरिकों में गर्व और आत्मविश्वास पैदा करना है और यह दिखाना है कि चीन किसी भी हमले से निपटने में सक्षम है। विक्ट्री परेड में कई नए हथियार पहली बार आम जनता को दिखाए गए। आसमान में युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर एक साथ उड़ान भरते नजर आएं। चीन की बढ़ती सैन्य ताकत उसके एशियाई पड़ोसियों और अमेरिका के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

आपको बता दें अमेरिका और पश्चिमी देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने चीन की विक्ट्री परेड से दूरी बनाए रखी हैं। जापान, भारत और दक्षिण कोरिया के नेता भी इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार परेड में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति शामिल होने वाले थे, लेकिन उनके देश में भारी विरोध प्रदर्शनों के चलते उनकी अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।

कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के सर्वोच्च नेता व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने से परेड के दौरान सैनिक कदमताल के साथ गुजरे। आपको बता दें शी जिनपिंग केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेना की कमान भी संभालते हैं।

2019 में यह परेड सीपीसी की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी। इस परेड का आयोजन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति को याद करने के लिए किया जा रहा है। इस युद्ध ने चीन को बुरी तरह प्रभावित किया था। 2019 के बाद यह चीन में पहली बड़ी सैन्य परेड है।

Created On :   2 Sept 2025 3:34 PM IST

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