पाक के नापाक मंसूबे: भारत से भिड़ने के लिए पाकिस्तान मिला रहा चीन से हाथ! S-400 मिसाइल सिस्टम से जुड़ा है मामला

भारत से भिड़ने के लिए पाकिस्तान मिला रहा चीन से हाथ! S-400 मिसाइल सिस्टम से जुड़ा है मामला
  • भारत से भिड़ने के लिए तैयारी कर रहा पाकिस्तान
  • पड़ोसी मुल्क चीन के साथ कर रहा सीक्रेट मीटिंग
  • रूस की S-400 मिसाइल सिस्टम से जुड़ा है मामला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के डिफेंस सेक्टर में एस-400 मिसाइल सिस्टम अहम भूमिका निभाती है। दरअसल, इस मिसाइल को भारत ने रूस से पड़ोसी मुल्क चीन और पकिस्तान के खिलाफ संभावित हवाई हमलों को रोकने के लिए खरीदा था। इस ताजा रिपोर्ट ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी है।

पाक और चीन के बीच चल रही सीक्रेट डील

बुल्गारियन मिलिट्री डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के बीच एक सीक्रेट समझौता की बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि इस समझौते के तहत चीन पाकिस्तान को एस-400 की तकनीकी जानकारी पहुंचा सकता है। यह जानकारी युद्ध की स्थिति के दौरान भारत को नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही इससे भारत की रक्षा रणनीति भी खतरे में आ सकती है। फिलहाल, इस बात की आधिकारी पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि, ऐसा होने पर भारत को राजनीतिक और आर्थिक स्तर से नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

बता दें, S-400 ट्रायम्फ रूस की अल्माज़-आंते कंपनी द्वारा तैयार की गई एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम है। यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम 400 किलोमीटर की रेंज में आने वाला है। ये फाइटर जेट्स,क्रूज मिसाइल्स,बैलिस्टिक मिसाइल्स,ड्रोन जैसे हवाई खतरों को ट्रैक करके उन्हें मार गिराने में सक्षम है।

2018 में भारत-रूस की हुई थी डील

साल 2018 में भारत ने रूस के साथ 5.43 अरब डॉलर की डील साइन की थी। इस डील के मुताबिक, भारत को 5 स्क्वाड्रन एस-400 बेचा गया था। साल 2023 तक भारत को रूस से 3 स्क्वाड्रन मिल चुके थे। हालांकि, बाकी के 2 स्क्वाइड्रन रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रुक गए हैं। भारत ने एस-400 को पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात किया था। इससे यह क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से काफी जरूरी है।

इससे पहले 2014 में चीन ने रूस से S-400 की डील की थी। इसके बाद चीन और उसकी सेना ने इस प्रणाली की क्षमताओं और कमजोरियों को भलीभांति जान लिया है। इतना ही नहीं, चीन पाकिस्तान को S-400 के बारे में रडार फ्रीक्वेंसी, इंटरसेप्शन लॉजिक, कमजोरियां और ब्लाइंड स्पॉट समेत इलेक्ट्रॉनिक जामिंग तकनीक जैसी अहम जानकारी पहुंचा सकता है। यदि ऐसा होता है तो पाकिस्तान भारत की हवाई सुरक्षा को जैमर, लो फ्लाइंग क्रूज़ मिसाइल्स या ड्रोन स्ट्राइक जैसी तकनीकों से गुमराह कर सकते हैं। यह भारत के S-400 इन्वेस्टमेंट को खत्म कर सकता है। इससे अरबों डॉलर का खर्च और रणनीतिक तैयारी व्यर्थ हो सकती है।

S-400 के पीछे क्यों पड़ा पाक?

बता दें, अब तक पाकिस्तान के पास खुद का S-400 जैसा कोई सिस्टम नहीं है। हालांकि, भारत से जवाबी हमले होने की संभावना में वह एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक को रोकने की जद्दोजहद करेगा। वहीं, पाकिस्तान ड्रोन व मिसाइल लॉन्च के लिए रास्ते बनाने की कोशिश करेगा। अगर किसी भी सूरत में पाकिस्तान को S-400 की जानकारी हाथ लग गई तो इससे भारत के हवाई मिशन खतरे में आ सकती है। साथ ही स्ट्रैटेजिक डेटरेंस का असर कम हो जाएगा। इसके अलावा इंडियन एयर फोर्स की प्लानिंग लीक हो सकती है। जो भविष्य में भारत के लिए किसी भी संघर्ष के दौरान एक बड़ा सामरिक नुकसान बन सकता है।

फिलहाल, इस बारे में रूस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। चीन की ओर से S-400 की जानकारी लीक होने से चिंतित है या नहीं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय हथियार डील्स में आमतौर पर एक "End-User Agreement" होता है जो किसी तीसरे पक्ष को तकनीकी जानकारी साझा करने से रोकता है। अगर चीन इस समझौते का उल्लंघन करता है तो रूस-पाकिस्तान सैन्य समीकरण बदल सकते हैं। भारत की रूस पर भरोसा करने की नीति को झटका लग सकता है। भारत पश्चिमी देशों (जैसे अमेरिका, फ्रांस) की ओर सैन्य सहयोग के लिए झुक सकता है।

Created On :   3 May 2025 7:17 PM IST

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