दोहा पर इजराइल हमले के बाद: मुस्लिम देशों के सामने अब स्पष्ट चॉइस है कि वे एकजुट हो जाएं, इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में बोले मुस्लिम नेता

- कल किसी भी अरब देश की बारी
- ईरान ने कहा विकल्प स्पष्ट है हमें एकजुट होना पड़ेगा
- तुर्की राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने इजराइल के खिलाफ तीखे बोल बोले
- इजराइली उकसावे के सामने मुस्लिम उम्मा के भीतर एकजुटता जरूरी-पाक पीएम शरीफ
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दोहा में हमास नेताओं को निशाने बनाने के लिए इजराइल की ओर से किए गए हमलों के बाद दुनियाभर के मुस्लिम देश एकजुट होकर नाटो जैसा संगठन बनाने की कोशिश में है। इसके लिए मुस्लिम देशों ने इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन बुलाया, जिसमें कई मुस्लिम देशों के प्रमुख शामिल हुए। सम्मेलन में पहुंचे सभी अरब और इस्लामी देशों ने कतर की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूर्ण समर्थन का वादा किया। कुछ ही महीने पहले इजराइली हमले का शिकार हुए ईरान ने दोहा पर हुए इजराइली अटैक पर गहरा रोष व्यक्त किया।
शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब के शासक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन, इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान और फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी उपस्थित थे।
मुस्लिम देशों के पास एक ही चॉइस है कि वे एक हो जाएं-ईरान
ईरान ने कतर में हुए इजरायली हमले के बाद दुनिया के मुस्लिम देशों को आगाह करते हुए कहा है कि मुस्लिम देशों के पास एक ही चॉइस है कि वे एक हो जाएं। कतर की राजधानी दोहा में आयोजित हुए अरब-इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कल किसी भी अरब देश या इस्लामिक राजधानी की बारी आ सकती है। मुस्लिम देशों के सामने अब स्पष्ट चॉइस है कि वे एकजुट हो जाएं। पेजेशकियान ने इससे पहले मुस्लिम देशों से अपील करते हुए था कि वे नकली स्टेट इजराइल से नाता तोड़ लें। साथ ही यथासंभव एकता और सामंजस्य बनाए रखें।
इजराइली हमला शांति वार्ताओं को बाधित करने का प्रयास था-कतर
कतर प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने कहा कि इजराइली हमला शांति वार्ताओं को बाधित करने का प्रयास था और देश इजराइल के अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। मध्य पूर्व में इजरायल की आक्रामकता को तुरंत रोका जाना चाहिए।
अराजकता और रक्तपात पर पनपती है इजराइल की मानसिकता-एर्दोआन
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन ने इस सम्मेलन में इजराइल के खिलाफ तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा, हम एक ऐसी आतंकवादी मानसिकता से जूझ रहे हैं जो अराजकता और रक्तपात पर पनपती है और एक राज्य में मिली हुई है। यह मानसिकता जो खुलेआम संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करती है और नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती देती है, इसलिए जीवित है क्योंकि इसके अपराधों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। एर्दोआन ने आगे कहा, इजराइली अधिकारियों में एक लालची और खूनी मानसिकता है। उन्होंने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर नरसंहार जारी रखने और क्षेत्र को अराजकता में धकेलने का आरोप लगाया।
इजराइली उकसावे के सामने मुस्लिम उम्मा के भीतर एकजुटता जरूरी है-पीएम शहबाज शरीफ
इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने इजराइल आक्रामकता की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इजराइली उकसावे के सामने मुस्लिम उम्मा के भीतर एकजुटता जरूरी है। पाकिस्तान ने न्यायसंगत और स्थायी टू स्टेट समाधान पर बल दिया। शरीफ ने कतर के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता की पुष्टि की और क्षेत्र में शांति के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।
आपको बता दें 9 सितंबर 2025 को इजराइल ने हमास नेताओं को निशाने बनाने के लिए कतर की राजधानी पर दोहा पर हमला किया था, जिसमें 6 लोगों के मौत हुई थी। कतर समेत कई मुस्लिम देशों ने इजराइली हमलों की कड़ी निंदा की और हमले को संप्रभुता का उल्लंघन बताया। 15 सितंबर 2025 को दोहा में आयोजित अरब-इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन में अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के लगभग 60 सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और विदेश मंत्रियों ने भाग लिया था। आपको बता दें सम्मेलन में इजराइल को मान्यता देने वाले 5 मुस्लिम खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को भी भी शामिल हुए। ये वो देश हैं जो इजरायल को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता देते हैं।
Created On :   16 Sept 2025 3:10 PM IST













