Nepal Gen-Z violence on China: भारत के बाद नेपाल हिंसा पर चीन की आई प्रतिक्रिया, नेपाली युवाओं से की ये अपील

- सोशल मीडिया प्रतिबंद से नेपाली में फैला अराजतकता
- नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने दिया इस्तीफा
- नेपाल में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर चीन ने दी प्रतिक्रिया
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के मामले में अराजतकता जारी है। इस पर दुनिया के नजरें भी टिकी हुई हैं। इस मामले को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां के नागरिकों से शांति बनाने के लिए अपील की थी। उनके बाद अब चीन का भी बयान सामने आ गया है। आज यानी बुधवार को चीन ने नेपाल के सभी पक्षों से घरेलू मुद्दों को आपसी तालमेल तरीके से सुलझाने का अग्रह किया।
चीन ने हिंसा पर की ये टिप्पणी
नेपाल में चल रही हिंसा मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, "चीन और नेपाल के बीच पारंपरिक रूप से दोस्ताना पड़ोसी वाला रिश्ता रहा हैं। हमें उम्मीद है कि नेपाल के सभी वर्ग घरेलू मुद्दों को उचित ढंग से संभालेंगे, सामाजिक व्यवस्था और क्षेत्रीय स्थिरता को जल्द से जल्द बहाल करेंगे।" हालांकि, इस दौरान चीन ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने नेपाल में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के बारे में जानकारी दी है कि इस हिंसा प्रदर्शन में अभी तक किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। उन्होंने नेपाल में अपने लोगों को सुरक्षा का ध्यान रखने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा चीन ने नेपाल में अपने दूतावास ने एक इमर्जेंसी सिक्योरिटी सिस्टम की शुरूआत की है। साथ ही अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को भी कहा है।
चीनी प्रवक्ता का कहना है, "चीनी संस्थाओं और नागरिकों को स्थिति पर कड़ी नजर रखने, सुरक्षा के लिए गंभीर कदम उठाने और जरूरी न होने पर बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।" साथ ही लिन ने चीनी नागरिकों से आपातलकाल स्थिति में दूतावास से संपर्क करने की बात भी कही है।
नेपाल में क्यों हो रही हिंसा?
ओली 3 सितंबर को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनाने के लिए गए थे। इस दौरान वो द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर विजय की याद में चीनी सैन्य परेड में शामिल हुए थे। ओली की चीन यात्रा के कुछ दिन बाद नेपाली युवाओं ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से तंग आकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इसके जवाब में ओली ने 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया। फिर युवा इसके जवाब में 8 सितंबर को सड़कों पर उतर आए। देर रात तक ओली सरकार ने ऐप्स से प्रतिबंध हटा दिए, लेकिन इसके बाद प्रदर्शन थमा नहीं और मंगलवार को ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। उनके पहले कई मंत्रियों ने इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें कि नेपाली की सड़कों पर फिलहाल प्रदर्शन जारी है।
Created On :   10 Sept 2025 7:16 PM IST