फेसबुक ने दिखाई सख्ती, अब बिना वेरिफिकेशन कराए नहीं चलेगा पॉलिटिकल एड

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। डाटा लीक के आरोपों का सामना कर रही सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अब अपनी एड पॉलिसी में बदलाव करने जा रही है। फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए जानकारी दी है कि अब पॉलिटिकल एड देने वालों को वेरेफिकेशन कराना होगा। जकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा कि अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील, भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों में होने वाले चुनावों में विज्ञापन देने वालों को अब वेरिफिकेशन कराना होगा। इसके साथ ही विज्ञापन देने वाली संस्था या पार्टी के बारे में भी जानकारी देनी होगी, जिन्हें विज्ञापन के साथ ही दिखाया जाएगा। बता दें कि ब्रिटिश फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में 5 करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स का डाटा लीक करने का आरोप लगा है, जिसके बाद फेसबुक पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
हजारों फेक अकाउंट्स को डिलीट किया : मार्क
फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि "अगले साल अमेरिका, मैक्सिको, ब्राजील, भारत, पाकिस्तान और दूसरे देशों में होने वाले चुनावों के लिए, साल 2018 में मेरी प्राथमिकता है इन चुनावों में दखलअंदाजी को रोकना।" उन्होंने लिखा "2016 के अमेरिकी चुनावों में रूसी दखलअंदाजी का पता चलने के बाद हमने 2017 में जर्मन, फ्रेंच और अलबामा सीनेट के चुनावों के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल का इस्तेमाल किया। इसके जरिए हमने हजारों फेक अकाउंट्स को डिलीट किया। हाल ही में हमने रूस के फर्जी अकाउंट्स का एक बड़ा नेटवर्क डिलीट किया है, जिसमें रूसी समाचार संगठन भी शामिल था।"
फेसबुक पॉलिसी में किए जाएंगे ये 2 बदलाव
1. अब हर एडवर्टाइजर, जो पॉलिटकल एड चलाते हैं, उन्हें अपना वेरिफिकेशन कराना होगा। वेरिफिकेशन के लिए, एडवर्टाइजर को अपनी पहचान और लोकेशन की जानकारी देनी होगी। अगर कोई वेरिफाय नहीं कराता है, तो चुनाव से जुड़ा उसका कोई भी विज्ञापन फेसबुक पर नहीं दिखाया जाएगा। जकरबर्ग ने बताया कि इसके साथ ही जिस पार्टी या संस्था की तरफ से विज्ञापन दिया जाएगा, उसकी जानकारी भी दी जाएगी।
2. इसके साथ ही जिन फेसबुक पेज पर ज्यादा फॉलोअर्स हैं, उन्हें भी वेरिफाय कराना होगा। इससे फेक अकाउंट से पेज को चलाना आसान नहीं होगा, साथ ही झूठी खबरें और बेवजह का कंटेट फैलाने पर भी रोक लगेगी।
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हजारों लोगों को भर्ती करेगी कंपनी
मार्क जकरबर्ग ने अपनी पोस्ट में बताया कि "एडवर्टाइजर और फेसबुक पेज के वेरिफिकेशन के लिए हजारों लोगों को भर्ती करेगा। हम इस संकट से 2018 के चुनावों से पहले निपट लेंगे।" उन्होंने कहा कि "हालांकि, कंपनी की इन कोशिशों के बाद भी चुनावों में दखलअंदाजी पूरी तरह से तो नहीं रूकेगी, लेकिन इससे फेक अकाउंट, पेज चलाने वालों के लिए चुनावों में दखलअंदाजी करने में मुश्किल बढ़ जाएगी।"
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ब्रिटेन की एक पॉलिटिक कंसल्टेंसी फर्म "कैम्ब्रिज एनालिटिका" पर करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा उनकी इजाजत के बिना यूज करने का आरोप लगा है। एक चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात निकलकर आई कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोंड़ों फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया गया है कि कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डाटा का इस्तेमाल किया और ट्रंप को फायदा पहुंचाया। इसके लिए कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे लोगों के पॉलिटिकल इंटरेस्ट का अंदाजा लगाया जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद फेसबुक को भी अरबों डॉलर का नुकसान हुआ, साथ ही फेसबुक की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े हुए।
Created On :   7 April 2018 2:35 PM IST