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अब ट्विटर पाकिस्तानी अकाउंट एकतरफा तौर पर बंद नहीं करेगा : पाकिस्तान सरकार

इस्लामाबाद, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान की सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर अब पाकिस्तानियों के अकाउंट एकतरफा तौर पर न ही निलंबित करेगा और न ही बंद करेगा।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है और साथ ही कहा गया है कि इससे सोशल मीडिया पर भारत के आधिपत्य को तगड़ा झटका लगा है जो कश्मीर पर ट्वीट करने वालों के अकाउंट को निलंबित करवा रहा था।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने एक बयान जारी कर जानकारी दी है कि ट्विटर पर आगे से पाकिस्तानियों के अकाउंट एकतरफा तौर पर न ही निलंबित होंगे और न ही बंद होंगे। बयान में कहा गया है कि अगर किसी तरह की शिकायत होगी तो ट्विटर प्रबंधन पहले इसकी जानकारी पाकिस्तान सरकार को देगा।
19 अगस्त को पाकिस्तान सरकार ने ट्विटर के उपाध्यक्ष (ट्रस्ट एंड सेफ्टी) डेल हार्वे को पत्र लिखकर कहा था कि बिना पूर्व सूचना या चेतावनी के पाकिस्तानियों के अकाउंट निलंबित या बंद कर दिए जा रहे हैं जिससे पाकिस्तान में लोगों में भारी नाराजगी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल आईटी बोर्ड के चेयरमैन सबाहत अली शाह ने अमेरिका में ट्विटर अधिकारियों से इस बारे में विस्तृत बात की। उन्होंने ट्विटर पर भारत की तरफ से पाकिस्तानी यूजर की आवाज को दबाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों के हक में आवाज उठाने के लिए कई पाकिस्तानियों के अकाउंट निलंबित कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बातचीत के बाद ट्विटर ने पाकिस्तान के तर्को को स्वीकारा और अकाउंट निलंबित करने के तरीके में बदलाव पर सहमति जताई। यह तय हुआ कि आगे से कोई भी शिकायत मिलने पर ट्विटर एकतरफा तौर पर अकाउंट निलंबित करने के बजाए पहले पाकिस्तान सरकार से संपर्क करेगा।
कश्मीर पर भ्रामक और झूठी सूचनाएं देने के कारण बीते कुछ दिनों में ट्विटर ने सैकड़ों पाकिस्तानियों के अकाउंट निलंबित कर दिए थे।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।