यूएनएचआरसी में फिर से चुना गया पाक, चीन के प्रदर्शन में गिरावट

Pak re-elected at UNHRC, Chinas performance declines
यूएनएचआरसी में फिर से चुना गया पाक, चीन के प्रदर्शन में गिरावट
यूएनएचआरसी में फिर से चुना गया पाक, चीन के प्रदर्शन में गिरावट
हाईलाइट
  • यूएनएचआरसी में फिर से चुना गया पाक
  • चीन के प्रदर्शन में गिरावट

संयुक्त राष्ट्र, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारपरिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान और नेपाल को फिर से चुन लिया गया है, वहीं चीन के प्रदर्शन में खासी गिरावट आई और वह छोटे अंतर से एक सीट जीत पाया है।

महासभा में मंगलवार को हुए मतदान में चीन को केवल 139 वोट मिले, जबकि 2016 में उसे 180 वोट मिले थे।

ह्यूमन राइट्स वॉच के यूएन डायरेक्टर लुइस चारबोन्यू ने ट्वीट किया कि यह दिखाता है कि कई राज्य चीन में अधिकारों के उल्लंघन के रिकॉर्ड से परेशान हैं।

वहीं सऊदी अरब को 4 सीटों के लिए हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा क्योंकि उसे एशियाई और प्रशांत देशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए केवल 90 वोट मिले, जबकि चुनाव जीतने के लिए उसे 97 वोटों की जरूरत थी। सऊदी अरब की लोकप्रियता में भी भारी गिरावट आई है क्योंकि इसने 2016 में 152 वोट हासिल किए थे।

2016 में 112 वोट पाकर दो वोटों से हारने वाले रूस ने अच्छी वापसी करते हुए इस बार 158 वोट हासिल किए। हालांकि इस बार वह तकनीकी रूप से पूर्वी यूरोप की दो में से एक सीट पर निर्विरोध जीत पाई। वहीं दूसरी सीट यूक्रेन ने निर्विरोध जीती।

पाकिस्तान को 169 और नेपाल को 150 वोट मिले। ये दोनों दक्षिण एशियाई देश तीन साल और काम करेंगे।

उज्बेकिस्तान 169 मतों के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र से निर्वाचित चौथा देश रहा।

भारत और बांग्लादेश भी परिषद के सदस्य हैं, वे 2018 में आखिरी बार चुने गए थे और अगले साल के अंत में बाहर होंगे।

जिनेवा आधारित इस 47 सदस्यीय परिषद में फ्रांस, ब्रिटेन, क्यूबा और मैक्सिको भी चुने गए 15 देशों में शामिल रहे।

उइगर मुस्लिम के साथ दुर्व्यवहार और कई देशों-मानवाधिकार समूहों के विरोध के बावजूद चीन छोटे से अंतर से जीतने में कामयाब रहा। इस पर आलोचकों ने 2006 के संकल्प का हवाला दिया। इसमें कहा गया था, मानवाधिकार परिषद के सदस्य मानव अधिकारों के प्रचार में उच्चतम मानकों को बनाए रखेंगे।

बता दें कि पिछले ही हफ्ते जर्मनी के नेतृत्व में 39 देशों के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र में चीन की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि वे शिन्जियांग में मानव अधिकारों की स्थिति और हांगकांग में हुए हाल के घटनाक्रमों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   14 Oct 2020 10:30 AM IST

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