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पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के सामने लोगों ने लगाए ISI मुर्दाबाद के नारे

हाईलाइट
- लोगों ने पाकिस्तान की राजनीति में आईएसआई के दखल का विरोध किया।
- इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ने आईएसआई पर लगाए थे गंभीर आरोप।
- अपने हिसाब से जजों की बेंच बनाती है आईएसआई: जस्टिस सिद्दीकी।
डिजिटल डेस्क. नई दिल्ली। पाकिस्तान में सेना मुख्यालय के बाहर लोगों ने आईएसआई मुर्दाबाद के नारे लगाए। खुफिया एजेंसी आईएसआई पर चुनाव में दखल के आरोप के बाद रावलपिंडी में शनिवार देर रात लोगों ने प्रदर्शन किया। एक दिन पहले ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट जस्टिस शौकत सिद्दीकी ने दावा किया था कि आईएसआई अलग-अलग मामलों में अपने हिसाब से जजों की बेंच बनाती है। खुफिया एजेंसी का मकसद मुकदमों के फैसले अपने मुताबिक करना होता है। सिद्दीकी के मुताबिक आईएसआई ने चीफ जस्टिस से कहा है कि नवाज शरीफ और मरियम शरीफ किसी भी कीमत पर चुनाव 25 जुलाई से पहले जेल से बाहर नहीं आने चाहिए। जस्टिस सिद्दीकी ने आईएसआई पर सभी न्यायिक फैसलों में दखल देने का आरोप लगाया है।
#WATCH 'ISI Murdabad' slogans raised outside Pakistan Army Headquarters (GHQ) in Rawalpindi yesterday pic.twitter.com/jdWn0fVTnc
— ANI (@ANI) July 22, 2018
मीडिया और जज सेना के नियंत्रण में
जस्टिस शौकत ने रावलपिंडी बार एसोसिएशन की एक मीटिंग में आईएसआई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त बुरे दौर से गुजर रहा है, क्योंकि मीडिया और न्यायालय बंदूकवालों (सेना) के नियंत्रण में हैं। मीडिया तक को सेना निर्देश देती है। न्यायालय आजाद नहीं हैं। मीडिया के ऊपर दबाव है, इसलिए वह सच्चाई नहीं बोल रही है।
जमीर बेचने से मरना पसंद करूंगा
जस्टिस सिद्दीकी ने कहा कि आईएसआई ने निर्देश दिए हैं कि मुझे नवाज शरीफ और मरियम के मामलों की सुनवाई में शामिल नहीं किया जाए। चीफ जस्टिस ने आईएसआई को वादा किया है कि शरीफ मामले में उनकी मर्जी की बेंच बनाई जाएगी। शौकत सिद्दीकी ने कहा कि आईएसआई ने मुझे भी पेशकश की थी कि मैं उनके मुताबिक काम करूं तो वो मुझे चीफ जस्टिस बना देंगे, लेकिन मैंने उनका ऑफर ये कहते हुए ठुकरा दिया कि मैं अपने जमीर को बेचने से ज्यादा मरना पसंद करूंगा।
Anti-ISI slogans were raised by the supporters of #Pakistan's mainstream political party, the PML (N) and others outside General Headquarters (GHQ) in #Rawalpindi.
— ANI Digital (@ani_digital) July 22, 2018
Read @ANI story| https://t.co/JlTpDZWXu1 … pic.twitter.com/uJ04hFTCZJ
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।