पाकिस्तान : अफसर ने सरकार के पैसे से छात्राओं के लिए बुर्के खरीदे

Pakistan: Officer buys burqas for girl students with government money
पाकिस्तान : अफसर ने सरकार के पैसे से छात्राओं के लिए बुर्के खरीदे
पाकिस्तान : अफसर ने सरकार के पैसे से छात्राओं के लिए बुर्के खरीदे

पेशावर, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थानीय अधिकारी ने सरकारी फंड से एक माध्यमिक सरकारी स्कूल की छात्राओं के लिए कई बुर्के खरीदे और उन्हें छात्राओं के बीच वितरित किया।

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना से संबंधित तस्वीरों के जारी होने के बाद समूचे पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर अधिकारी की इस हरकत की आलोचना की जा रही है।

यह घटना प्रांत के एक गांव चीना की है। यहां एक जिला कौंसलर ने स्थानीय सरकार के फंड से नब्बे हजार रुपये निकाले और सरकारी स्कूल की बच्चियों के लिए इस पैसे से बुर्के खरीद डाले और उन्हें इनके बीच वितरित किया।

मुजफ्फर शाह नाम के अफसर ने कहा कि उन्होंने छात्राओं के अभिभावकों के आग्रह पर यह कदम उठाया। यह अभिभावक बुर्का खुद खरीदने की हैसियत नहीं रखते। शाह ने कहा कि उनके चार साल के कार्यकाल के पूरा होने के अवसर पर उन्होंने यह काम किया।

उन्होंने कहा, स्कूल की लगभग नब्बे फीसदी लड़कियां पहले से ही बुर्का पहन रही थीं। ऐसे में मैंने सोचा कि बाकी की लड़कियों के लिए मैं ही बुर्के का इंतजाम कर दूं जो गरीबी की वजह से इन्हें नहीं खरीद पा रही हैं।

शाह ने कहा कि इससे पहले वह ऐसे ही फंड का इस्तेमाल स्कूल के लिए सौर ऊर्जा, एक प्रसाधन गृह बनवाने और नए फर्नीचर की खरीदारी में कर चुके हैं।

सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें जारी हुईं जिनके बाद देश में गुस्सा जताया गया। इनमें एक में बुर्के का ढेर रखा हुआ है और एक में लड़कियां बुर्के में ढंकी नजर आ रही हैं।

एक महिला यूजर ने लिखा, शिक्षा की हालत सुधारने, उत्पीड़न और दुष्कर्म के खिलाफ कड़े कानून बनवाने पर खर्च करने के बजाए पैसों से बुर्के खरीद लिए गए।

पाकिस्तान में सरकारी एजेंसियों के उत्पीड़न से परेशान होकर अमेरिका पलायन करने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने ट्वीट किया, मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि वक्त बदल रहा है और अधिक से अधिक लोग सुरक्षा के नाम पर महिलाओं को एक वस्तु बना देने के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।

लेकिन, अधिकारी शाह इन बातों से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, इलाके के लोग तो मुझसे खुश हैं। अगर मैंने लड़कियों के बीच जीन्स बंटवा दी होती तो यही मीडिया और लिबरल लोग मेरी तारीफें करते।

प्रांत के शिक्षा मंत्री जियाउल्ला बंगश ने कहा कि मामले की जांच के लिए समिति बना दी गई है। उन्होंने कहा कि बुर्का कोई स्कूल यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है। लड़कियां चाहें तो बुर्का पहनें और अगर न चाहें तो न पहनें। उनके लिए सिर्फ स्कूल यूनिफॉर्म पहनना जरूरी है जोकि सफेद शलवार और ढीली नीली जंपर है।

Created On :   8 Oct 2019 6:30 PM IST

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