चीन-भारत के नेताओं की दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति हासिल
बीजिंग, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता 11 और 12 अक्तूबर को दक्षिण भारत के चेन्नई में आयोजित हुई जिसमें उल्लेखनीय प्रगतियां हासिल की गई हैं।
चीन के उप विदेश मंत्री लो चाओ ह्वेई ने कहा कि दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सवालों पर गहन रूप से विचारों का आदान प्रदान किया। और वे आपस में और घनिष्ठ साझेदार संबंधों का विकास करने पर सहमत हुए। दोनों ने वर्ष 2018 के अप्रैल में चीन के वूहान में आयोजित पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता में संपन्न सहमति दोहरायी यानी चीन और भारत एक दूसरे को विकास का मौका समझते हैं, और दोनों अंतर्राष्ट्रीय मामलों में स्थिरता के तत्व हैं।
दोनों नेताओं का समान विचार है कि अंतर्राष्ट्रीय स्थितियों में भारी परिवर्तन नजर आ रहा है। चीन और भारत दोनों शांतिपूर्ण, सुरक्षात्मक और समृद्ध दुनिया की स्थापना करने में संलग्न हैं। विभिन्न देशों को अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय नियम में अपना विकास साकार करेंगे और बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण पर विकासमान देशों का समान हित हासिल करना चाहिए।
दोनों नेताओं का विचार है कि चीन और भारत के अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित समावेशी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ाने में व्यापक समान हित मौजूद हैं। दोनों का मानना है कि नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन और मजबूत किया जाना चाहिए। चीन और भारत खुली और समावेशी व्यापार व्यवस्था को बढ़ावा देना जारी रखेंगे जिसमें सभी देशों को फायदा होगा।
दोनों नेताओं ने अपने-अपने देशों के द्वारा जलवायु परिवर्तन, सतत विकास लक्ष्यों सहित वैश्विक विकास चुनौतियों का समाधान करने के लिए किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों पर जोर दिया। दोनों ने इस पर भी जोर दिया कि चीन और भारत के प्रयासों से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। दोनों नेताओं का मानना है कि चीन और भारत दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। दोनों देश किसी भी स्वरूप वाले आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करेंगे और विभिन्न देशों से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने की अपील की।
दोनों नेताओं ने यह माना है कि खुला, समावेशी, समृद्ध और स्थिर वातावरण और बेहतर कनेक्टिविटी अपने क्षेत्र की समृद्धि और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। चीन इसी आधार पर भारत और दूसरे संबंधित देशों के साथ चीन-भारत-म्यांमार-बांग्लादेश सहयोग को बढ़ावा देने को तैयार है। और दोनों आरसीईपी संधि की वार्ता को बढ़ाने पर भी सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने अपने अपने आर्थिक विकास के लक्ष्यों पर विचारों का आदान प्रदान किया और इस पर सहमति जतायी कि चीन और भारत एक दूसरे के विकास को लाभदायक मौका मुहैया करते हैं। दोनों पक्षों को सकारात्मक, व्यावहारिक और खुले विचार से एक दूसरे को देखना जारी रखना चाहिए और एक-दूसरे की नीतियों और व्यवहारों की समझ को बढ़ावा देना चाहिए। दोनों ने यह फैसला लिया कि वर्ष 2020 चीन-भारत माननीय विनिमय वर्ष होगा और इसी वर्ष में चीन-भारत संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 70 गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
(साभार---चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)
-- आईएएनएस
Created On :   13 Oct 2019 10:31 PM IST