UN ने खारिज की अपील, प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में बना रहेगा हाफिज

UN rejects Hafiz Saeeds plea for removal from list of banned terrorists
UN ने खारिज की अपील, प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में बना रहेगा हाफिज
UN ने खारिज की अपील, प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में बना रहेगा हाफिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने गुरुवार को मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JUD) प्रमुख हाफिज सईद की अपील को खारिज कर दिया। हाफिज सईद ने प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची से उसका नाम हटाने की मांग की थी। सरकारी सूत्रों के हवाले से ये बात कही जा रही है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति से भारत ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।

हाफिज सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LET) का सह-संस्थापक भी है। सूत्र बताते है कि संयुक्त राष्ट्र का हाफिज सईद की अपील को रिजेक्ट करने का फैसला भारत की ओर से हाफिज की गतिविधियों के बारे में दी गई अत्यधिक गोपनीय जानकारी और सबूत के बाद लिया गया है। हाफिज के वकील हैदर रसूल मिर्जा को इस सप्ताह की शुरुआत में इस फैसले के बारे में बताया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस तरह के सभी अनुरोधों की जांच करने के लिए नियुक्त किए गए स्वतंत्र लोकपाल डैनियल किफर फासीति ने सईद के वकील को कहा था कि  हाफिज सईद का नाम सूची में बना रहेगा। उन्होंने कहा, सभी जानकारी एकत्र करने के बाद प्रतिबंध जारी रखने का निर्णय लिया गया है। 

हाफिज सईद को 10 दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई के हमलों के बाद प्रतिबंधित कर दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। सईद ने 2017 में लाहौर स्थित लॉ फर्म मिर्जा एंड मिर्जा के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र में एक अपील दायर की थी और पाबंदी खत्म करने की गुहार लगाई थी। अपील दाखिल करते वक्त वह पाकिस्तान में नजरबंद था। सूत्रों ने कहा कि सईद के अनुरोध का भारत के साथ-साथ अन्य देशों ने भी विरोध किया था। मूल रूप से इसमें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल है। हालांकि पाकिस्तान ने इसका विरोध नहीं किया, जबकि इमरान खान सरकार पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों पर कार्रवाई कर रही है।  

सईद की अपील पर निर्णय लेने में देरी के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि देरी इसलिए हुई क्योंकि लोकपाल समय अवधि पूरी होने से पहले बदल गया और फिर नियुक्ति के लिए कुछ समय लिया गया। बता दें कि आम तौर पर संयुक्त राष्ट्र में अपील के बाद फैसला आने में करीब छह महीनों का समय लगता है। जबकि सईद ने ये अपील 2017 में दायर की थी।  

Created On :   7 March 2019 12:32 PM GMT

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