सिंधु जल संधि विवाद:विश्व बैंक की पाक को सलाह, भारत का प्रस्ताव स्वीकार करो

World Bank advised to Pak accept India proposal on Water Treaty
सिंधु जल संधि विवाद:विश्व बैंक की पाक को सलाह, भारत का प्रस्ताव स्वीकार करो
सिंधु जल संधि विवाद:विश्व बैंक की पाक को सलाह, भारत का प्रस्ताव स्वीकार करो
हाईलाइट
  • 19 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 330 मेगावॉट क्षमता वाली किशनगंगा विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था।
  • विश्व बैंक ने पाक को सिंधु जल संधि विवाद पर भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करने की सलाह दी है।
  • इन दोनों ही योजनाओं को केंद्र सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
  • इसके साथ ही किश्तवाड़ जिले में 1
  • 000 मेगावॉट की पाकल दुल विद्युत परियोजना की आधारशिला भी रखी थी।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। विश्व बैंक ने पाक को सिंधु जल संधि विवाद पर भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करने की सलाह दी है। पाकिस्तान ने हाल ही में विश्व बैंक के सामने सिंधु जल संधि पर अपना दुखड़ा रोया था। पाकिस्तान ने भारत की शिकायत भी की थी कि भारत नियमों का उल्लंघन कर रहा है।भारत सिंधु के पानी के जरिए हमारे लिए नई मुसीबत खड़ी कर रहा है। बता दें कि 19 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 330 मेगावॉट क्षमता वाली किशनगंगा विद्युत परियोजना का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही किश्तवाड़ जिले में 1,000 मेगावॉट की पाकल दुल विद्युत परियोजना की आधारशिला भी रखी थी।

 

इन दोनों ही योजनाओं को केंद्र सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ एक रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। पाकिस्तान की ओर से की गई भारत की शिकायत पर विश्व बैंक ने कहा है कि इस मसले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने पर चर्चा की जा रही है।

 

विश्व बैंक के सामने पाक ने की भारत की शिकायत, सिंधु जल संधि पर सुनाया दुखड़ा

 

विश्व बैंक ने दी सलाह

पाक इस विवाद को इंटरनेशनल कोर्ट में ले गया था। बता दें कि भारत ने एक निष्पक्ष एक्सपर्ट की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है। बीते हफ्ते वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने पाक सरकार को यह सलाह दी है कि वह इस विवाद को ICA में ले जाने के अपने फैसले को बदले। 


पाक को होगी पानी की किल्लत

पाकिस्तान का कहना है कि सिंधु नदी में भारत के कई प्रॉजेक्ट्स विश्व बैंक की मध्यस्थता में 1960 में हुए सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करते हैं। विश्व बैंक ने सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पानी का बंटवारा करने के लिए यह संधि करवाई थी। सिंधु नदी पर पाकिस्तान की 80 प्रतिशत सिंचित कृषि निर्भर करती है। उसका कहना है कि बांध बनाने से न सिर्फ नदी का मार्ग बदलेगा बल्कि पाकिस्तान में बहने वाली नदियों का जल स्तर भी कम होगा। इसलिए इस विवाद की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में होनी चाहिए।

पाकिस्तान के सामने सिंधु नदी के पानी से मुसीबत खड़ी करेगा भारत

 

निष्पक्ष एक्सपर्ट नियुक्त किए जाने की सलाह

भारत ने दावा किया है कि सिंधु नदी पर प्रोजेक्ट बनने से नदी के बहाव में या फिर जलस्तर में कोई बदलाव नहीं आएगा। बांध के डिजाइन को लेकर पाकिस्तान से विवाद को सुलझाने के लिए निष्पक्ष एक्सपर्ट नियुक्त किए जाने चाहिए। वहीं पाकिस्तान को लगता है कि भारत के प्रस्ताव को मानने से वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के हक को खो देगा। उनका मानना है कि जब भी दोनों देशों के बीच कोई विवाद पैदा होगा तो भारत इसे सुलझाने के लिए निष्पक्ष एक्सपर्ट नियुक्त करने की मांग करेगा।

 

विश्व बैंक के अध्यक्ष ने पाकिस्तान के तत्कालीन वित्त मंत्री इशाक डार को चिट्ठी भी लिखी थी और कहा था कि इस मामले में दखल के लिए वह फिलहाल तैयार नहीं है। उसने ICA चेयरमैन के साथ ही निष्पक्ष एक्सपर्ट की नियुक्ति की प्रक्रिया को रोकने का फैसला लिया है। पाकिस्तान ने कई बैठकों में किशनगंगा बांध निर्माण की सैटलाइट तस्वीरें भी वर्ल्ड बैंक के सामने पेश की, लेकिन विश्व बैंक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की याचिका को भी खारिज कर दिया था।  

 

 

Created On :   5 Jun 2018 5:47 PM IST

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