Bangladesh protests: शेख हसीना के सत्ता बेदखल के बाद से बांग्लादेश में क्या-क्या हुआ? यूनिटी काउंसिल ने जारी किए आंकड़े

- शासकीय दफतरों और घरों को किया आग के हवाले
- स्टूडेंट्स ने किया भारी विरोध प्रदर्शन
- कोटा सिस्टम को लेकर सड़कों पर जमकर हुई नारेबाजी
डिजिटल डेस्क, ढाका। बाग्लांदेश में शेख हसीना की सरकार गए हुए आज एक साल पूरा हो गया है। उनके बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी, लेकिन 5 अगस्त 2024 को हसीना के सत्ता बेदखल होने से पहले 15 दिनों में देश में कई विरोधी प्रदर्शन हुए। इस दौरान 328 मौतें हुईं थी, इसमें 41 स्टूडेंट भी शामिल थे। ये प्रदर्शन कोटा सिस्टम को लेकर विद्यार्थियों ने पीएम के खिलाफ सड़कों पर जमकर नारेबाजी की थी।
पिछले एक साल के दौरान की कितनी घटी घटनाएं
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में 2,442 सांप्रदायिक हमले हुए हैं। जिसमें 59 लोगों की हत्या, 192 मंदिरों पर हमले, 33 रेप, जमीन हड़पने के 59 मामले, 1993 घरों और दफ्तरों पर हमले और लूटपाट की घटनाएं शामिल है। ये जानकारी देश के हिंदू-बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी मणिंद्र कुमार नाथ ने एक रिपोर्ट पब्लिश की दी, यह रिपोर्ट 10 महीने पर बनी थी।
मणिंद्र कुमार नाथ ने कहा, "पिछले एक साल से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो रहा है। हमने बार-बार सरकार को बताने की कोशिश की, लेकिन सरकार इसे मानती तक नहीं। इन मामलों को सियासी बताकर दबाने की कोशिश कर रही है। रंगपुर में धर्म के अपमान का आरोप लगाकर हमले किए गए। पहाड़ी अल्पसंख्यकों के जमीन के अधिकार छीने जा रहे हैं, उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।"
कोटा सिस्टम का विरोध
शेख हसीना सरकार के कोटा सिस्टम को लेकर 18 जुलाई 2024 से 4 अगस्त 2024 के बीच छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। ये 15 दिन देश में खुब खूनखराबा हुआ, जिसमें 328 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यानी 5 अगस्त 2024 की दोपहर को शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद उन्होंने देश छोड़ दिया। वहीं, भीड़ ने कई सरकारी इमारतों और पुलिस स्टोशन में आग भी लगा दी थी।
Created On :   5 Aug 2025 7:51 PM IST