भारत की 'कूटनीतिक जीत' बर्दाश्त नहीं कर पा रहा PAK: अमेरिका के बैन से पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डाक का फूटा गुस्सा, संसद में TRF का किया समर्थन

- अमेरिका ने टीआरएफ को घोषित किया आतंकी संगठन
- भारत की कूटनीतिक जीत को हजम नहीं कर पा रहा पाक
- पाकिस्तानी विदेश इशाक डाक ने टीआरएफ का किया समर्थन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' उर्फ टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने से भारत को मिलने वाली कूटनीतिक जीत से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिला उठा है। नतीजा यह कि अब पाकिस्तान के नेता टीआरएफ को सपोर्ट कर रहे हैं। दरअसल, हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में एक भाषाण दिया। इस दौरान उन्होंने अमेरिका द्वारा टीआरएफ पर बैन लगाने के बाद उसका समर्थन किया है। बता दें, अमेरिका ने शुक्रवार को पाकिस्तान समर्थित टीआरएफ को विदेश आतंकवादी संगठन घोषिता किया था। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा था कि टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है। जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्देष लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था।
इशाक डार ने टीआरएफ का किया समर्थन
बता दें, पाकिस्तानी संसद में विदेश मंत्री डार ने कबूल करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले में टीआरएफ की निंदा होने वाले बयान को हटवाने के लिए दखल किया था।
पाकिस्तानी संसद में विदेश मंत्री डार ने कबूल करते हुए कहा पाकिस्तान ने उस बयान से TRF का नाम हटवाने के लिए दखल दिया था, जिसमें 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई थी। उन्होंने कहा, 'हमने UNSC के बयान में TRF का नाम जोड़ने का विरोध किया। मुझे कई देशों से फोन आए, लेकिन हमने नहीं माना और TRF का नाम हटाया गया।' उन्होंने आगे कहा, 'हम TRF को अवैध नहीं मानते। कोई सबूत दो कि उन्होंने हमला किया। जब तक TRF खुद जिम्मेदारी नहीं लेता, हम उसे दोषी नहीं मानेंगे।' हालांकि, TRF ने खुद सार्वजनिक रूप से हमले की जिम्मेदारी ली थी, और अमेरिका व भारत की खुफिया एजेंसियों ने LeT से इसके संबंध की पुष्टि की है।
अमेरिका ने टीआरएफ को घोषित किया आतंकी संगठन
बता दें, अमेरिका ने 18 जुलाई को TRF को फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (FTO) और स्पेशली डेसिग्नेटेंड टेररिस्ट (SDGT) घोषित करते हुए बैन लगाया था। इस फैसले का ऐलान अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने किया था। उन्होंने कहा था, 'TRF, जो लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन है, उसने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम दिया था। यह हमला 2008 के बाद भारत में सबसे घातक नागरिकों पर हमला था।' TRF पर अब अमेरिकी क्षेत्राधिकार में आने वाले व्यक्ति और संस्थाओं से आर्थिक सहायता प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भारत ने अमेरिका के फैसले का किया स्वागत
अमेरिका के टीआरएफ पर बैन लगाने के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने अमेरिका के फैसले का स्वागत किया था। एस जयशंकर ने इसे भारत और अमेरिका की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत साझेदारी का प्रमाण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'TRF को FTO और SDGT घोषित करने के लिए विदेश मंत्री रुबियो और अमेरिकी विदेश विभाग का आभार। TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। आतंकवाद के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस।'
बता दें, भारत के सुरक्षा बल समेत नागरिकों पर होने वाले आतंकी हमलों को टीआरएफ पहले भी अंजाम देते आया है। भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है, जिसमें 2024 में भी कई हमले शामिल हैं। इस संगठन को ISI और लश्कर-ए-तैयबा द्वारा समर्थन प्राप्त है और इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देना है।
Created On :   19 July 2025 11:23 PM IST